Uttarpradesh: मास्टरमाइंड ‘छांगुर’ के भतीजे का अवैध मकान ध्वस्त, करोड़ों की संपत्ति रडार पर – The Hill News

Uttarpradesh: मास्टरमाइंड ‘छांगुर’ के भतीजे का अवैध मकान ध्वस्त, करोड़ों की संपत्ति रडार पर

बलरामपुर। उत्तर प्रदेश में मतांतरण के जरिए आतंक का सिंडिकेट चलाने के आरोपी मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के नेटवर्क पर प्रशासन का शिकंजा कसता जा रहा है। इसी कड़ी में, जिला प्रशासन ने भारी पुलिस बल की मौजूदगी में छांगुर के भतीजे सबरोज के अवैध मकान पर बुलडोजर चलाकर उसे जमींदोज कर दिया। यह कार्रवाई रेहरामाफी गांव में की गई और इसे छांगुर के पूरे सिंडिकेट के खिलाफ एक बड़े अभियान की शुरुआत माना जा रहा है।

सरकारी जमीन पर बना था अवैध मकान

उपजिलाधिकारी (एसडीएम) सत्यपाल प्रजापति ने बताया कि सबरोज ने यह मकान नवीन परती की सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके बनाया था। शिकायत और जांच के बाद, नायब तहसीलदार प्रतिमा मौर्या की निगरानी में जेसीबी मशीन से मकान को गिराने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस कार्रवाई के बाद प्रशासन ने छांगुर और उसके सहयोगियों की अन्य अवैध संपत्तियों के खिलाफ भी अभियान तेज कर दिया है।

विदेशी फंडिंग और जमीन का कारोबार

यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण तक सीमित नहीं है। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में छांगुर समेत 18 लोगों के नाम शामिल हैं, जिनमें से आठ की गिरफ्तारी हो चुकी है और नौ अन्य की तलाश जारी है। जांच एजेंसियों को शक है कि इस सिंडिकेट ने विदेशी फंडिंग का इस्तेमाल जमीन के कारोबार में किया। छांगुर, उसके बेटे महबूब और सहयोगी नीतू व नवीन ने बड़े पैमाने पर जमीनें खरीदीं। इसे देखते हुए प्रशासन उतरौला नगर और आसपास के गांवों में आवासीय प्लाटिंग करने वाले प्रॉपर्टी डीलरों की भी कुंडली खंगाल रहा है, ताकि छांगुर कनेक्शन का पता लगाया जा सके।

10 संपत्तियां चिह्नित, बड़ी कार्रवाई की तैयारी

राजस्व विभाग की जांच में अब तक छांगुर और उसके सहयोगियों की 10 संपत्तियां चिह्नित की जा चुकी हैं, जिनकी कीमत करोड़ों में है। इन संपत्तियों में से अधिकांश 2020 और 2021 में खरीदी गई हैं। प्रमुख संपत्तियों में शामिल हैं:

  • 2020 में नीतू द्वारा मधपुर में खरीदी गई 1.25 करोड़ रुपये की कृषि भूमि।

  • 2021 में नवीन के नाम पर चांद औलिया मधपुर में 65 लाख और 42 लाख रुपये में खरीदी गई जमीन।

  • नीतू के नाम पर उतरौला के सुभाषनगर मुहल्ले में 64 लाख और लालगंज में 1.15 करोड़ रुपये में खरीदी गई संपत्ति।

इनके अलावा मधपुर, सुभाषनगर, मनकापुर मार्ग और रेहरामाफी गांव में भी जमीनें चिह्नित की गई हैं। प्रशासन अब इन सभी संपत्तियों की वैधता की जांच कर रहा है और जल्द ही अवैध पाई जाने वाली संपत्तियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। इस कार्रवाई से छांगुर के करीबियों और सिंडिकेट से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।

 

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