Uttarakhand: रेफरल सिस्टम पर भड़के मुख्य सचिव, दिए कड़े निर्देश- अस्पतालों की होगी पड़ताल, पुरानी एंबुलेंस होंगी बाहर

देहरादून।

उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने गहरी नाराजगी जताते हुए जिलाधिकारियों को व्यवस्था सुधारने के कड़े निर्देश दिए हैं। सोमवार को सचिवालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ जिला एवं उप जिला अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा करते हुए, मुख्य सचिव ने विशेषकर रेफरल सिस्टम पर अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि जिन मरीजों का इलाज स्थानीय स्तर पर संभव है, उन्हें हायर सेंटर भेजकर परेशान न किया जाए।

रेफरल पर लगेगी लगाम, डीएम होंगे जिम्मेदार
मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि अब से केवल उन्हीं गंभीर मरीजों और घायलों को हायर सेंटर रेफर किया जाएगा, जिनका इलाज जिला या उप जिला स्तर पर संभव नहीं है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस नियम का सख्ती से पालन हो। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उपलब्ध सुविधाओं के बावजूद मरीजों को रेफर करने की प्रवृत्ति को तुरंत बंद किया जाना चाहिए।

अस्पतालों में ही होंगी सभी जरूरी जांचें
अस्पतालों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, मुख्य सचिव ने सभी जिला अस्पतालों में सभी प्रकार की सामान्य और महत्वपूर्ण जांचों को अनिवार्य रूप से शुरू कराने का आदेश दिया। उन्होंने यूरिन कल्चर जैसी जांचों के लिए सभी जिला अस्पतालों में जल्द से जल्द माइक्रोबायोलॉजिस्ट की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने निर्देश दिया कि जांचों के लिए आउटसोर्सिंग पर निर्भरता कम की जाए और केवल वही जांचें बाहर भेजी जाएं जो अस्पताल में संभव नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने जिला अस्पतालों के क्षमता विस्तार और मजबूतीकरण पर जोर दिया।

तत्काल बदली जाएंगी पुरानी एंबुलेंस
आपातकालीन सेवाओं को लेकर भी मुख्य सचिव ने सख्त रुख अपनाया। उन्होंने पुरानी हो चुकी 108 एम्बुलेंस और विभागीय एम्बुलेंसों को तत्काल बदलने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश भर में चल रही सभी एम्बुलेंसों का विश्लेषण किया जाए और पुराने व खराब वाहनों को बदलने की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाए।

पहाड़ों में खुलेंगे IVF और ट्रॉमा सेंटर
पहाड़ी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार पर ध्यान केंद्रित करते हुए, मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिव को कुमाऊं और गढ़वाल के पर्वतीय क्षेत्रों में एक-एक आईवीएफ फैसिलिटी (IVF Facility) और ट्रॉमा सेंटर स्थापित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये दोनों महत्वपूर्ण सुविधाएं पर्वतीय क्षेत्रों में शीघ्र शुरू की जानी चाहिए।

मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश के सभी जिला एवं उपजिला अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं, चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और उपकरणों की वर्तमान स्थिति पर एक विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है। बैठक के दौरान सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी। इस उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक में कई वरिष्ठ अधिकारी और सभी जिलों के जिलाधिकारी मौजूद रहे।

 

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