Delhi: अहमदाबाद विमान हादसा- सीनियर पायलट पर फ्यूल सप्लाई बंद करने का आरोप, जांच पर उठे सवाल

नई दिल्ली। अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच में एक सनसनीखेज मोड़ आ गया है। जहाँ एक ओर विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट में हादसे का कारण पायलट की गलती को बताया गया है, वहीं दूसरी ओर अमेरिकी अखबार ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग के हवाले से दावा किया है कि विमान के सीनियर पायलट ने जानबूझकर इंजन की फ्यूल सप्लाई बंद कर दी थी। इस खुलासे के बाद पूरी जांच प्रक्रिया और प्रारंभिक निष्कर्षों पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ की रिपोर्ट के अनुसार, बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के कॉकपिट में मौजूद वॉयस रिकॉर्डर से दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत का पता चला है। रिकॉर्डिंग से यह खुलासा हुआ कि विमान के सीनियर पायलट कैप्टन सुमीत सभरवाल ने दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच को ‘CUTOFF’ पोजीशन में कर दिया था। इस पर सह-पायलट क्लाइव कुंदर ने हैरान और घबराए हुए स्वर में कैप्टन सभरवाल से पूछा, “आपने फ्यूल स्विच को CUTOFF पोजिशन में क्यों कर दिया?” रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान कैप्टन सभरवाल बिल्कुल शांत थे। यह तथ्य इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि कैप्टन सभरवाल एक बेहद अनुभवी पायलट थे, जिनके पास 15,638 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जबकि सह-पायलट कुंदर के पास 3,403 घंटे का अनुभव था।

इससे पहले 12 जुलाई को AAIB द्वारा जारी की गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी यही बताया गया था कि विमान के दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच अचानक ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ स्थिति में चले गए थे, जिसके कारण इंजन बंद हो गए और विमान तेजी से नीचे आने लगा। हालांकि, रिपोर्ट में यह स्पष्ट नहीं किया गया था कि ऐसा किसने और क्यों किया।

इस घटनाक्रम पर पायलट संघों ने भी अपनी चिंता व्यक्त की है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन के बाद भारतीय पायलट संघ (एफआईपी) ने भी AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं और जांच के तरीके पर चिंता जाहिर की है।

इस पूरे मामले पर सरकार ने सतर्क रुख अपनाया है। नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू ने हाल ही में कहा कि यह रिपोर्ट केवल प्रारंभिक निष्कर्षों पर आधारित है और किसी को भी अंतिम रिपोर्ट जारी होने तक जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकालना चाहिए। उन्होंने भारतीय पायलटों और क्रू सदस्यों की सराहना करते हुए उन्हें नागरिक उड्डयन की रीढ़ बताया और कहा, “मुझे नहीं लगता कि हमें इस बारे में जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष निकालना चाहिए। हम पायलटों के कल्याण का भी ध्यान रखते हैं और हमें अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।”

फिलहाल, जांच जारी है और सभी की निगाहें AAIB की अंतिम रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह साफ हो पाएगा कि आखिर उस दिन आसमान में ऐसा क्या हुआ था जिसके कारण एक अनुभवी पायलट ने यह खतरनाक कदम उठाया।

 

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