कुल्लू। हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में एक बेहद दर्दनाक और दिल दहला देने वाली घटना में, एक अस्थायी झूला पुल (घरूरू) पार करते समय पांच साल की एक मासूम बच्ची की ब्यास नदी में गिरकर मौत हो गई। यह खौफनाक हादसा उस वक्त हुआ जब महिला अपनी दो बेटियों के साथ नदी पार कर रही थी और अचानक संतुलन बिगड़ने से उसकी गोद में बैठी छोटी बेटी छिटककर उफनती ब्यास नदी की तेज धाराओं में जा गिरी। इस दौरान, उसकी दूसरी बेटी ने लगभग 10 मिनट तक रस्सी और अपनी मां का हाथ पकड़कर मौत से जंग लड़ी, जिसे बाद में सुरक्षित बचा लिया गया।
क्या है पूरा मामला?
यह हृदय विदारक घटना जिला कुल्लू के जिया और शमशी इलाके के बीच घटी। स्थानीय निवासी रजनी अपनी दो बेटियों, 14 वर्षीय वंशिका और 5 वर्षीय परी के साथ जिया से अपने घर शमशी की ओर जा रही थीं। घर तक पहुंचने के लिए उन्हें ब्यास नदी को एक अस्थायी और असुरक्षित झूला पुल, जिसे स्थानीय भाषा में ‘घरूरू’ कहते हैं, से पार करना था।
रजनी ने अपनी छोटी बेटी परी को गोद में उठा रखा था, जबकि बड़ी बेटी वंशिका उनके साथ चल रही थी। जैसे ही वे पुल के बीच में पहुंचीं, अचानक रजनी का संतुलन बिगड़ गया। इससे पहले कि वह संभल पातीं, उनकी गोद से मासूम परी छिटक गई और सीधे नीचे बह रही ब्यास नदी में जा गिरी।
मौत से 10 मिनट की जंग
एक बेटी को आंखों के सामने नदी में गिरते देख मां बेसुध सी हो गई, लेकिन तभी उनकी दूसरी बेटी वंशिका का हाथ भी पुल से फिसलने लगा। उस साहसी बच्ची ने हिम्मत नहीं हारी और करीब 10 मिनट तक एक हाथ से पुल की रस्सी और दूसरे से अपनी मां का हाथ पकड़कर हवा में लटकी रही। बेटी के नदी में गिरते ही मां रजनी ने चीख-पुकार मचानी शुरू कर दी। उनकी आवाज सुनकर आसपास के खेतों में काम कर रहे और स्थानीय लोग तुरंत मौके पर पहुंचे। उन्होंने बड़ी मशक्कत के बाद रजनी और उनकी बड़ी बेटी वंशिका को सुरक्षित पुल से उतारा।
एक किलोमीटर दूर मिला बच्ची का शव
मां और एक बेटी को बचाने के बाद स्थानीय लोगों का ध्यान नदी में गिरी मासूम परी की ओर गया। उसे बचाने के लिए कई लोग तुरंत नदी में उतर गए और तलाश अभियान शुरू किया। लेकिन ब्यास का तेज बहाव बच्ची को काफी दूर तक बहा ले गया था। काफी देर की तलाश और कड़ी मशक्कत के बाद, घटनास्थल से करीब एक किलोमीटर की दूरी पर बच्ची का शव बरामद हुआ। इस घटना के बाद परिवार में कोहराम मच गया और पूरे इलाके में मातम का माहौल है। यह दर्दनाक हादसा एक बार फिर पहाड़ी क्षेत्रों में सुरक्षित पुलों की कमी और लोगों की जान जोखिम में डालकर इन असुरक्षित रास्तों का उपयोग करने की मजबूरी को उजागर करता है।