Himachal: आपदा के बाद पर्यटन को संजीवनी, हिमाचल के होटलों में 50% तक की भारी छूट

शिमला। पिछले मानसून में आई प्राकृतिक आपदा से पर्यटन कारोबार को हुए भारी नुकसान से उबरने के लिए हिमाचल प्रदेश अब एक नई रणनीति के साथ पर्यटकों का स्वागत करने को तैयार है। राज्य के पर्यटन विकास निगम (HPTDC) और निजी होटल संचालकों ने मिलकर कारोबार को फिर से पटरी पर लाने के लिए ऑफ-सीजन में भारी छूट की घोषणा की है, ताकि बरसात के मौसम में भी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सके।

कारोबार को पटरी पर लाने की संयुक्त कवायद

आपदा के बाद पर्यटकों की संख्या में आई भारी कमी से जूझ रहे पर्यटन उद्योग को फिर से खड़ा करने के लिए यह एक संयुक्त प्रयास है। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम ने अपने होटलों में 20 से 40 प्रतिशत तक के ‘मानसून डिस्काउंट’ की पेशकश की है। वहीं, निजी होटल संचालक एक कदम और आगे बढ़ते हुए 30 से 50 प्रतिशत तक की छूट दे रहे हैं। कुछ होटल कारोबारियों ने तो पर्यटकों को लुभाने के लिए अपने कमरों का किराया लगभग आधा कर दिया है।

पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक, डॉ. राजीव कुमार ने बताया, “पर्यटन विकास निगम के होटलों में 20 से 40 प्रतिशत छूट का मानसून डिस्काउंट पैकेज जारी किया गया है। हमारा उद्देश्य है कि सैलानी हिमाचल आएं और पर्यटन निगम के होटलों में ठहरकर सुरक्षित और आरामदायक अनुभव प्राप्त करें।” निगम की यह छूट 15 जुलाई से 12 सितंबर तक उपलब्ध रहेगी।

अक्टूबर तक मिलेगी निजी होटलों में छूट

निजी होटल संचालकों का कहना है कि वे यह छूट अक्टूबर में दुर्गा पूजा के त्योहारी सीजन तक जारी रखेंगे, ताकि पर्यटन का पहिया फिर से घूम सके। इस पहल का सकारात्मक असर भी दिखने लगा है। होटलों में एडवांस बुकिंग में तेजी आई है, जिससे पर्यटन कारोबारियों को उम्मीद की एक नई किरण मिली है। यह इस बात का भी संकेत है कि देश भर के पर्यटक अभी भी हिमाचल की मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण का अनुभव करने के लिए उत्सुक हैं।

फेडरेशन ऑफ हिमाचल होटल एंड रेस्टोरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, गजेंद्र चंद ठाकुर ने कहा, “हिमाचल के अधिकांश पर्यटन स्थल सैलानियों की आवाजाही के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं। मानसून सीजन में सैलानियों को आकर्षित करने के लिए 30 से 50 फीसदी तक डिस्काउंट दिए जा रहे हैं। इसका अच्छा असर देखने को मिल रहा है और 15 जुलाई के बाद के लिए होटलों में एडवांस बुकिंग भी शुरू हो गई है।”

यह पहल न केवल पर्यटन उद्योग को आर्थिक रूप से पुनर्जीवित करने में मदद करेगी, बल्कि उन लाखों लोगों के लिए भी राहत लेकर आएगी जिनकी आजीविका सीधे तौर पर पर्यटन पर निर्भर है। इस सामूहिक प्रयास से यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि ‘देवभूमि’ हिमाचल एक बार फिर बाहें फैलाए पर्यटकों के स्वागत के लिए पूरी तरह से सुरक्षित और तैयार है।

 

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