Himachal: आपदा प्रभावित मंडी में सीएम सुक्खू- “पैसे की कमी नहीं आने देंगे”, विस्थापितों को वन भूमि देने की भी तैयारी

मंडी/शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भारी बारिश और बादल फटने से तबाह हुए मंडी जिले के सराज और नाचन विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर आपदा से हुए नुकसान का जायजा लिया। प्रभावितों के बीच पहुंचकर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार इस मुश्किल घड़ी में उनके साथ खड़ी है और राहत एवं पुनर्वास कार्यों में पैसे की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।

अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान सुंदरनगर में मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आपदा के पहले दिन से ही प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक सेवाओं को बहाल करने के लिए तेजी से काम किया है। उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सड़कों को खोलने के लिए 50 जेसीबी मशीनें लगाई गई हैं और अधिकांश मुख्य सड़कों को यातायात के लिए खोल दिया गया है। संपर्क मार्गों पर भी युद्ध स्तर पर काम जारी है। उन्होंने घोषणा की कि चैल चौक, बगस्याड़, थुनाग, जंजैहली और छतरी तक की सड़क को सीआरआईएफ (CRIF) के तहत लाया जाएगा ताकि इसे एक समग्र और मजबूत सड़क बनाया जा सके।

राहत और पुनर्वास के लिए 7 करोड़ रुपये जारी

मुख्यमंत्री ने माना कि थुनाग से जंजैहली तक सड़क और पुलों को भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि फिलहाल इसे अस्थायी रूप से बहाल कर दिया गया है, लेकिन इसके स्थायी पुनर्निर्माण के लिए धन की कोई कमी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए अब तक सात करोड़ रुपये की राशि जारी कर दी है।

केंद्र से मांगी जाएगी वन भूमि देने की अनुमति

श्री सुक्खू ने कहा कि इस आपदा में अभूतपूर्व नुकसान हुआ है, जिससे लोगों के घर, पशुधन, फसलें और सब्जियां तबाह हो गई हैं। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार प्रभावित परिवारों को कपड़े खरीदने और पशुधन के नुकसान के लिए मुआवजा देगी। एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उन्होंने कहा कि आपदा में जिन लोगों की जमीनें पूरी तरह से बह गई हैं, उन्हें सुरक्षित स्थानों पर बसाने के लिए सरकार केंद्र से वन भूमि देने की अनुमति मांगेगी। उन्होंने राज्य के भाजपा सांसदों से भी आग्रह किया कि वे इस मानवीय प्रस्ताव का समर्थन करें ताकि प्रभावितों को सुरक्षित बसाया जा सके।

किराए पर घर के लिए भी सरकार देगी मदद

मुख्यमंत्री ने एक और बड़ी राहत की घोषणा करते हुए कहा कि जो प्रभावित परिवार किराए के मकानों में रहेंगे, उन्हें राज्य सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में 5000 रुपये प्रति माह और शहरी क्षेत्रों में 10,000 रुपये प्रति माह किराया देगी। उन्होंने बताया कि तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी अगले दो दिनों तक आपदा प्रभावित क्षेत्रों में ही रहेंगे और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी करेंगे। मुख्यमंत्री ने मंडी जिले के धर्मपुर क्षेत्र में हुए नुकसान का भी जिक्र किया और राहत कार्यों में दिन-रात जुटे स्थानीय विधायक चंद्रशेखर के प्रयासों की सराहना की।

 

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