Himachal: बिलासपुर बस हादसा: एम्स में घायलों से मिले सीएम सुक्खू, हर संभव मदद का दिया आश्वासन

बिलासपुर। हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नमहोळ के पास आज तड़के हुए एक दुखद बस हादसे के बाद मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिलासपुर स्थित एम्स (AIIMS) का दौरा कर घायलों का हाल-चाल जाना। यह निजी बस पंजाब के नूरमहल से श्रद्धालुओं को लेकर वापस दारलाघाट आ रही थी, जब यह दुर्घटना का शिकार हो गई। मुख्यमंत्री ने इस कठिन समय में पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की और उन्हें सरकार की ओर से हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।

अस्पताल पहुंचकर मुख्यमंत्री सुक्खू ने हादसे में घायल हुए यात्रियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। उन्होंने प्रत्येक घायल के पास जाकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। इस दौरान उन्होंने घायलों और उनके परिजनों को आश्वासन दिया कि राज्य सरकार उनकी मदद के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और इलाज में किसी भी तरह की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने अस्पताल प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए कि सभी घायलों को बिना किसी देरी के सर्वोत्तम और त्वरित चिकित्सा देखभाल मुहैया कराई जाए।

जानकारी के अनुसार, इस दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में घायल हुए 32 यात्रियों का इलाज बिलासपुर एम्स में चल रहा है, जबकि बस के चालक को मारकंड स्थित नागरिक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। यह निजी बस पंजाब के नूरमहल में एक धार्मिक स्थल से दर्शन कर सोलन जिले के दारलाघाट लौट रहे श्रद्धालुओं से भरी हुई थी। सुबह के समय नमहोळ के पास बस अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई।

हादसे की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए बचाव अभियान शुरू किया और पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में मदद की। प्रशासन की मुस्तैदी के कारण घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया जा सका। इसके साथ ही, प्रशासन द्वारा नियमों के अनुसार घायलों को फौरी राहत राशि भी वितरित की गई है।

मुख्यमंत्री के इस दौरे के दौरान उनके साथ तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, कांग्रेस नेता विवेक कुमार, पवन ठाकुर, संजीव गुलेरिया और गौरव शर्मा भी मौजूद थे। इसके अलावा, जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त राहुल कुमार, पुलिस अधीक्षक संदीप धवल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मुख्यमंत्री के साथ उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री के इस दौरे से पीड़ितों और उनके परिवारों को एक बड़ा नैतिक संबल मिला है, जो इस मुश्किल घड़ी में उनके दुख को कम करने में सहायक होगा। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पीड़ितों के साथ खड़ी है और उनके इलाज से लेकर अन्य सभी आवश्यक जरूरतों को पूरा करेगी।

 

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