Uttarakhand: उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों में हवाई मार्ग से पहुंचेगा इंटरनेट, कॉल ड्रॉप पर भी मुख्य सचिव सख्त – The Hill News

Uttarakhand: उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों में हवाई मार्ग से पहुंचेगा इंटरनेट, कॉल ड्रॉप पर भी मुख्य सचिव सख्त

देहरादून। उत्तराखंड के हर गांव और कस्बे तक निर्बाध इंटरनेट और मोबाइल कनेक्टिविटी पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा फैसला लिया गया है। मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन दूरस्थ गांवों तक सड़क मार्ग नहीं है, वहां हवाई ट्रांसपोर्ट (हेलीकॉप्टर या ड्रोन) के जरिए उपकरण पहुंचाकर इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाए। इसके साथ ही, उन्होंने शहरों में भी लगातार हो रही कॉल ड्रॉप की समस्या पर नाराजगी जताते हुए मोबाइल कंपनियों को इसका स्थायी समाधान खोजने के निर्देश दिए।

यह निर्देश बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित आठवीं राज्य स्तरीय ब्रॉडबैंड समिति की बैठक में दिए गए। इस उच्च-स्तरीय बैठक में दूरसंचार विभाग, मोबाइल कम्युनिकेशन प्रदाता फर्मों (एयरटेल, जियो आदि) और संबंधित सरकारी विभागों ने हिस्सा लिया, जिसमें भारत सरकार की संचार और इंटरनेट परियोजनाओं के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं और उनके समाधान पर व्यापक विचार-विमर्श हुआ।

“एक भी गांव कनेक्टिविटी से वंचित न रहे”

बैठक के दौरान मोबाइल कंपनियों ने बताया कि कुछ दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क संपर्क न होने के कारण वे उच्च तीव्रता वाली इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान करने में असमर्थ हैं। इस पर मुख्य सचिव ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “रिमोट एरिया में एक भी गांव अथवा एक भी कस्बा इंटरनेट कनेक्टिविटी से वंचित नहीं रहना चाहिए। यदि कुछ जगहों पर सड़क संपर्क मार्ग नहीं है, तो वहां हवाई ट्रांसपोर्ट द्वारा उपकरणों को पहुंचाया जाए और इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जाए।” उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि पिटकुल (PITCUL) के पास 617 किलोमीटर की फाइबर ऑप्टिकल लाइन बिछी हुई है, जिसे टेलीकॉम कंपनियां किराए पर लेकर उपयोग कर सकती हैं।

कॉल ड्रॉप की समस्या का हो स्थायी समाधान

मुख्य सचिव ने शहरी और कस्बाई इलाकों में बार-बार होने वाली कॉल ड्रॉप की समस्या पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने सभी मोबाइल कम्युनिकेशन प्रदाता कंपनियों को निर्देशित किया, “शहरों में जहां पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, वहां भी लोगों को कॉल ड्रॉप की समस्या झेलनी पड़ती है। इसके लिए सभी कंपनियां अपने-अपने संसाधनों का पुनः सर्वे करें और कॉल ड्रॉप या कनेक्टिविटी में अवरोध जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान करना सुनिश्चित करें।”

नीतिगत और प्रशासनिक निर्देश

  • मुख्य सचिव ने पुराने टेलीकॉम टावरों को नियमित करने तथा कॉमन डक्ट और एरियल केबल पॉलिसी बनाने के लिए सचिव आईटी को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

  • लोक निर्माण विभाग, यूपीसीएल, पिटकुल, वन विभाग और बीएसएनएल जैसे विभागों को इंटरनेट कनेक्टिविटी योजनाओं से संबंधित मुद्दों का त्वरित निराकरण करने को कहा गया।

  • राज्य में पहले से लागू RoW (राइट ऑफ वे) रूल्स-2014 के अनुसार ही सेवाएं देने के निर्देश दिए गए।

बैठक में प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट

  • भारतनेट स्कीम: राज्य में 6,590 कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

  • ग्राम पंचायत कनेक्टिविटी: राज्य के 30 विकासखंडों की 1819 ग्राम पंचायतों में (जिनमें ग्राम पंचायत कार्यालय, प्राथमिक सर्विस सेंटर आदि शामिल हैं) 13,576 कनेक्शन दिए जा चुके हैं।

  • गति शक्ति पोर्टल: केंद्र के गति शक्ति GIS पोर्टल पर राज्य के तीन लाख से अधिक स्ट्रीट फर्नीचर (विद्युत खंभे, टावर आदि) मैप कर दिए गए हैं।

बैठक में प्रमुख सचिव एल.एल. फैनई, सचिव आईटी नितेश कुमार झा, दूरसंचार विभाग के अधिकारी और विभिन्न टेलीकॉम कंपनियों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

 

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