देहरादून। उत्तराखंड में शासन-प्रशासन को अधिक प्रभावी और प्रेरणादायक बनाने की दिशा में मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सचिवालय में आयोजित सचिव स्तर की एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने सभी विभागों को दो प्रमुख निर्देश दिए: अपने बेहतरीन कार्यों की ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज’ (सफलता की कहानियां) तैयार करना और वरिष्ठ नागरिक कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करना।
सफलता की कहानियों से मिलेगी प्रेरणा
मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि सभी विभाग अपने उन अनूठे और सफल कार्यों का एक प्रेजेंटेशन तैयार करें, जो अन्य राज्यों के लिए भी मिसाल बन सकें। उन्होंने कहा कि ये ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज’ संस्थागत या व्यक्तिगत स्तर पर हो सकती हैं, लेकिन उनमें नवीनता होनी चाहिए। इसका मुख्य उद्देश्य विभागों के बेहतरीन कार्यों को संकलित करना और दूसरों को बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने विशेष रूप से आईटी, कृषि, उद्यान, शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्राम्य विकास जैसे विभागों में इसकी अधिक संभावना जताई।
वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान पर जोर
बैठक का एक और महत्वपूर्ण एजेंडा वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण था। मुख्य सचिव ने ‘माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम, 2007’ का गंभीरता से अनुपालन कराने के लिए संबंधित सचिवों और सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि “ज्ञान और अनुभव की पूंजी हमारे वरिष्ठ नागरिक” अपना बुढ़ापा सम्मान के साथ जी सकें। इस एक्ट का कड़ाई से पालन करवाने के लिए जिलाधिकारियों को विशेष रूप से निर्देशित किया गया है।
इसके अतिरिक्त, मुख्य सचिव ने सभी सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का बेहतर क्रियान्वयन करने पर जोर दिया ताकि उनका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच सके। उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली को अधिकाधिक ऑनलाइन करने का भी निर्देश दिया, जिससे एक खुली, पारदर्शी, सहज और व्यवस्थित व्यवस्था विकसित हो। इस बैठक का समग्र उद्देश्य विभागों को न केवल अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने, बल्कि अपनी सफलताओं को साझा कर एक सकारात्मक माहौल बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
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