विकासनगर। दिल्ली-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर भूस्खलन का सिलसिला जारी है। बोसान के पास शुक्रवार रात पहाड़ी से गिरे भारी बोल्डरों और पत्थरों के कारण राजमार्ग एक बार फिर करीब 15 घंटे तक बाधित रहा। यातायात ठप होने से तीर्थयात्रियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा, जिन्हें वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना पड़ा।
दिन में खुलता, रात में बंद हो रहा हाईवे
पिछले चार दिनों से राजमार्ग पर यही स्थिति बनी हुई है। राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) के अधिकारी दिन में कड़ी मशक्कत के बाद मार्ग खोलते हैं, लेकिन रात में हो रही बारिश के कारण पहाड़ी से फिर मलबा और पत्थर आ जाते हैं, जिससे मार्ग दोबारा बंद हो जाता है। शुक्रवार रात गिरे बोल्डर इतने बड़े थे कि जेसीबी मशीन उन्हें हटाने में नाकाम रही, जिसके बाद पोकलेन मशीन मंगानी पड़ी। एनएच के अधिशासी अभियंता सुरेश तोमर के निर्देश पर अवर अभियंता ओमप्रकाश सेमवाल की देखरेख में शनिवार को मार्ग खोलने का काम शुरू किया गया।
राजमार्ग बंद होने के कारण वाहन चालकों को बाड़वाला-जुड्डो मोटर मार्ग जैसे लंबे वैकल्पिक रास्तों से होकर अपने गंतव्य तक पहुंचना पड़ रहा है।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी बढ़ी मुश्किलें, किसान परेशान
राजमार्ग के अलावा, जौनसार-बावर के ग्रामीण इलाकों में भी जन-जीवन प्रभावित है। प्युनल मोटर मार्ग दूसरे दिन भी बंद रहने से लगभग 15 गांवों का संपर्क प्रभावित हुआ है। इससे नौकरीपेशा लोगों, आगामी स्थानीय चुनावों में अपनी दावेदारी देख रहे उम्मीदवारों और किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। किसान अपनी नगदी फसलें, जैसे टमाटर, अदरक आदि, समय पर मंडियों तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान का डर सता रहा है।
हालांकि, एक राहत की खबर यह है कि लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) ने जौनसंार-बावर में दो स्टेट हाईवे समेत सात अन्य मोटर मार्गों को खोलकर ग्रामीणों को बड़ी राहत दी है। वहीं, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अधिशासी अभियंता रोहित श्रीवास्तव ने बताया कि बंद पड़े प्युनल मार्ग को खोलने के लिए जेसीबी मशीन भेज दी गई है और जल्द ही इसे भी सुचारू कर दिया जाएगा।