Uttarakhand: उत्तराखंड में बिजली व्यवस्था होगी मजबूत, 76 हजार कैपेसिटर बैंक और 100 मेगावाट बैटरी स्टोरेज सिस्टम को मिली मंजूरी

देहरादून। मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के निदेशक मंडल की 124वीं बैठक में प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में वोल्टेज सुधार के लिए 76 हजार से अधिक कैपेसिटर बैंक लगाने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए 100 मेगावाट की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) परियोजना को मंजूरी दी गई। इसके साथ ही, मुख्य सचिव ने चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा करने और उपभोक्ताओं को सस्ती व विश्वसनीय बिजली उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए।

देहरादून स्थित ऊर्जा भवन में आयोजित इस बैठक में विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर गहन चर्चा की गई तथा ऊर्जा विभाग की उपलब्धियों और समस्याओं के समाधान पर भी मंथन हुआ।

वोल्टेज सुधार और ऊर्जा भंडारण पर बड़े फैसले

निदेशक मंडल ने प्रदेशभर में वोल्टेज की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए एक बड़े प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी। इसके तहत ट्रांसफॉर्मरों पर 76 हजार से अधिक कैपेसिटर बैंक लगाए जाएंगे। इसके अलावा, नवीकरणीय ऊर्जा के एकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 100 मेगावाट क्षमता की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) स्थापित करने की परियोजना को भी अनुमोदित किया गया। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि इस परियोजना के लिए धनराशि सस्ती ब्याज दरों पर उपलब्ध हो, इसके लिए विभिन्न वित्तीय संस्थानों से प्रतिस्पर्धी दरों का आकलन करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाए।

मुख्य सचिव के कड़े निर्देश

मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने ऊर्जा विभाग को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए:

  • समय पर हों परियोजनाएं पूरी: विद्युत उत्पादन, पारेषण और वितरण से संबंधित सभी चल रही परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए।

  • तकनीकी सदस्य की नियुक्ति: परियोजनाओं के तकनीकी बिंदुओं की बेहतर समझ और अध्ययन के लिए निदेशक मंडल में एक तकनीकी सदस्य की नियुक्ति की जाए।

  • सीमांत गांवों को ग्रिड से जोड़ें: जो सीमांत गांव अभी तक केवल सौर ऊर्जा पर निर्भर हैं, उन्हें भी ग्रिड आधारित विद्युत आपूर्ति से जोड़ा जाए।

  • ERP सिस्टम को करें स्थिर: सितंबर 2025 तक एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) सिस्टम को पूरी तरह से स्थिर और कार्यान्वित किया जाए।

  • पारदर्शिता बढ़ाएं: UERC (उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग) द्वारा पारित टैरिफ ऑर्डर को भी बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया जाए और कंपनियों की बढ़ी हुई पूंजी की सूचना सरकार से साझा की जाए।

यूपीसीएल ने साझा कीं उपलब्धियां

बैठक में उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने अपनी उपलब्धियों को भी साझा किया। बताया गया कि पिछले तीन वर्षों से निगम के राजस्व संग्रह में लगातार वृद्धि हुई है, विद्युत उपभोक्ता रैंकिंग में सुधार हुआ है तथा एग्रीगेट टेक्निकल एंड कमर्शियल (AT&C) हानियों में भी उल्लेखनीय कमी आई है।

इस दौरान बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव वित्त दिलीप जावलकर, स्वतंत्र निदेशक मंडल से बी.पी. पांडेय व पराग गुप्ता, प्रबंध निदेशक यूपीसीएल अनिल कुमार, पिटकुल के प्रबंध निदेशक पी.सी. ध्यानी और यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल उपस्थित थे।

 

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