त्रिनिदाद और टोबैगो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ऐतिहासिक त्रिनिदाद और टोबैगो दौरे पर भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों को एक नई गहराई दी। इस अवसर पर उन्होंने त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला परसाद-बिसेसर को ‘बिहार की बेटी’ कहकर सम्मानित किया और उन्हें अयोध्या एवं महाकुंभ की पवित्र धरोहरों से जुड़ा एक अनमोल उपहार भेंट किया।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री कमला बिसेसर के बिहारी मूल का स्नेहपूर्वक उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि श्रीमती बिसेसर के पूर्वज बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले थे और वह स्वयं भी अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए अपने पुरखों के गांव का दौरा कर चुकी हैं। इस गहरे संबंध को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “लोग उन्हें बिहार की बेटी मानते हैं।”
इस भावनात्मक जुड़ाव को और प्रगाढ़ बनाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें एक विशेष तोहफा दिया, जिसमें अयोध्या में सरयू नदी का पवित्र जल, इस वर्ष हुए महाकुंभ के संगम का पवित्र जल और अयोध्या के भव्य राम मंदिर की एक खूबसूरत प्रतिकृति शामिल थी। यह तोहफा महज एक भेंट नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक प्रतीक था। पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री बिसेसर से विनम्र अनुरोध किया कि वह इस पवित्र जल को त्रिनिदाद की स्थानीय ‘गंगा धारा’ नदी में अर्पित करें, ताकि दोनों देशों की आस्था और संस्कृतियों का एक प्रतीकात्मक संगम हो सके।

यह दौरा कूटनीतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। 1999 के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला द्विपक्षीय त्रिनिदाद दौरा है, जो प्रधानमंत्री कमला परसाद-बिसेसर के विशेष निमंत्रण पर हुआ है। पियारको अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पीएम मोदी का अभूतपूर्व स्वागत किया गया, जहां स्वयं प्रधानमंत्री कमला बिसेसर, उनके मंत्रिमंडल के 38 मंत्री और चार सांसदों ने गार्ड ऑफ ऑनर के साथ उनकी अगवानी की।
इस दौरे पर पीएम मोदी ने भारतीय प्रवासियों के लिए एक बड़ी घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि त्रिनिदाद और टोबैगो में भारतीय प्रवासियों की छठी पीढ़ी को अब ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया (OCI) कार्ड जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह फैसला भारत के साथ उनके संबंधों को और मजबूत करेगा और हमारी साझा विरासत को आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित रखेगा।
कुल मिलाकर, प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल राजनीतिक और आर्थिक संबंधों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसने सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और व्यक्तिगत संबंधों को एक नई ऊष्मा प्रदान की है, जो भारत और त्रिनिदाद और टोबैगो के बीच दोस्ती के एक नए अध्याय की शुरुआत करता है।
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