हरिद्वार। आगामी कांवड़ मेला-2025 को पहले से कहीं अधिक सुगम, सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को हरिद्वार के मेला नियंत्रण भवन में उच्चाधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की और यात्रा के सफल संचालन के लिए कई कड़े और नए दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने इस बार की यात्रा को “क्लीन और ग्रीन” बनाने का संदेश देने और इसे आगामी कुंभ मेले के एक सफल ट्रायल के रूप में आयोजित करने पर जोर दिया।
बनेगी ‘उत्तराखंड कांवड़ सेवा एप’
मुख्यमंत्री ने कांवड़ यात्रा के प्रबंधन में तकनीक के इस्तेमाल पर जोर देते हुए एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने अधिकारियों को ‘उत्तराखंड कांवड़ यात्रा सेवा एप’ विकसित करने का निर्देश दिया। इस एप में कांवड़ियों से जुड़ी सभी आवश्यक जानकारी, जैसे उनका पंजीकरण विवरण, यात्रा मार्ग, स्वास्थ्य सुविधाएं, पार्किंग स्थल और हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध होंगे। यह एप न केवल इस वर्ष, बल्कि भविष्य में भी हर कांवड़ यात्रा के दौरान उपयोग किया जा सकेगा, जिससे यात्रा को और अधिक सुगम और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।
अंतर-राज्यीय समन्वय और कुंभ का ट्रायल
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ यात्रा में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान जैसे राज्यों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इसलिए इन राज्यों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को इन राज्यों के साथ रियल-टाइम डेटा साझा करने और सुरक्षात्मक दृष्टि से सभी आवश्यक इनपुट्स का आदान-प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस कांवड़ यात्रा को आगामी कुंभ मेले का एक महत्वपूर्ण ट्रायल बताते हुए कहा, “ये अनुभव आगामी कुंभ मेले में भी काम आएंगे।”
अतिक्रमण, ओवर-रेटिंग और अवैध गतिविधियों पर होगी सख्ती

मुख्यमंत्री धामी ने यात्रा की व्यवस्थाओं को लेकर कई सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर किसी भी प्रकार का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और यात्रा से पहले सभी अतिक्रमणों को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों और होटलों में सुरक्षा मानकों का कड़ाई से अनुपालन कराने के साथ-साथ फूड लाइसेंस और रेट लिस्ट को अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करने को कहा। उन्होंने स्पष्ट किया, “यह सुनिश्चित किया जाए कि यात्रा मार्ग पर स्थित होटलों के नाम और होटल स्वामियों के नाम भी अनिवार्य रूप से लिखे हों। ओवर-रेटिंग की शिकायत आने पर संबंधित होटल स्वामियों पर सख्ती से कार्रवाई की जाए।” इसके अलावा, शराब तथा मीट से संबंधित एसओपी का भी सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए।
‘क्लीन और ग्रीन कांवड़ यात्रा’ पर जोर
इस वर्ष की यात्रा का मुख्य संदेश ‘क्लीन और ग्रीन’ होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, “स्वच्छता हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।” इसके लिए संपूर्ण कांवड़ मार्गों पर हर घंटे सफाई अभियान चलाने, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्रों में हर 1-2 किलोमीटर पर मोबाइल टॉयलेट और कूड़ा निस्तारण के लिए विशेष गाड़ियों की तैनाती करने के निर्देश दिए गए।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
कांवड़ियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर भी मुख्यमंत्री ने विस्तृत निर्देश दिए। उन्होंने कांवड़ रूट पर हर 2 से 3 किलोमीटर के अंदर स्वास्थ्य केंद्र, एम्बुलेंस और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। साथ ही, आम लोगों की सहूलियत के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी करने के निर्देश दिए। सुरक्षा के लिए सीसीटीवी और ड्रोन से नियमित निगरानी, जीआईएस मैपिंग आधारित ट्रैफिक प्लान और एआई आधारित ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम विकसित करने पर जोर दिया गया। प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए संवेदनशील घाटों पर एनाउंसमेंट सिस्टम मजबूत करने और एसडीआरएफ-एनडीआरएफ की तैनाती के भी निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने बताया कि इस वर्ष कांवड़ मेला 11 से 23 जुलाई तक आयोजित होगा। मेले को 16 सुपर जोन, 37 जोन और 134 सेक्टर में बांटा गया है। चारधाम यात्रियों, स्थानीय लोगों और कांवड़ियों के लिए अलग-अलग यातायात व्यवस्थाएं लागू की गई हैं।