Uttarakhand: कर्णप्रयाग में भारी भूस्खलन से होटल और टैक्सी दबे, बदरीनाथ हाईवे बंद, 4 जिलों में बारिश का येलो अलर्ट

देहरादून/कर्णप्रयाग। उत्तराखंड में मानसून की बारिश अब राहत के बजाय आफत बनकर बरस रही है। पहाड़ों पर लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं, जिससे जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है। इसी कड़ी में, कर्णप्रयाग के पास उमट्टा में बुधवार-गुरुवार की दरमियानी रात एक भयावह भूस्खलन हुआ, जिसने बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग को पूरी तरह से बाधित कर दिया और एक होटल को अपनी चपेट में ले लिया।

आधी रात को आया मौत का मलबा

घटना बुधवार-गुरुवार की रात करीब एक बजे की है। कर्णप्रयाग के पास उमट्टा में भारी बारिश के बीच अचानक पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा दरक गया। पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा और विशाल बोल्डर तेज गति से नीचे आए और सीधे राजमार्ग के किनारे स्थित एक होटल में जा घुसे। गनीमत यह रही कि उस समय होटल में मौजूद संचालक का परिवार और स्टाफ मलबे की आवाज सुनकर समय रहते जाग गए और उन्होंने भागकर अपनी जान बचाई।

इसी दौरान वहां से गुजर रही एक टैक्सी भी इस भूस्खलन की चपेट में आ गई और मलबे में दब गई। वाहन में सवार लोगों ने भी किसी तरह बड़ी मुश्किल से बाहर निकलकर अपनी जान बचाई। यह मंजर इतना खौफनाक था कि लोगों के दिलों में दहशत बैठ गई है।

बदरीनाथ हाईवे बंद, सैकड़ों वाहन फंसे

इस भारी भूस्खलन के कारण बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है। गुरुवार सुबह से ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएच) की मशीनरी एक छोर से लगातार मलबा हटाने के काम में जुटी हुई है, लेकिन पहाड़ी से इतना अधिक मलबा आया है कि राजमार्ग को खोलने में अभी कुछ और समय लग सकता है। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि पहाड़ी से अभी भी लगातार छोटे-छोटे पत्थर और बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे मलबा हटाने का काम बेहद खतरनाक और धीमा हो गया है।

राजमार्ग के बंद होने के कारण दोनों ओर वाहनों की कई किलोमीटर लंबी कतारें लग गई हैं। इसमें चारधाम यात्रा पर जाने वाले और वहां से लौटने वाले सैकड़ों तीर्थयात्री, स्थानीय लोग और आवश्यक सामान ले जा रहे वाहन फंसे हुए हैं। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, पुलिस ने यातायात को सिवाई होते हुए बदरीनाथ और अन्य स्थानों के लिए डायवर्ट किया है। मौके पर उपजिलाधिकारी, तहसीलदार और एनएच के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं और राहत एवं बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। इस भूस्खलन के कारण जल संस्थान की पाइपलाइनें भी मलबे में दब गई हैं, जिससे आसपास के क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति का संकट भी पैदा हो गया है।

चार जिलों में बारिश का येलो अलर्ट, मौसम विभाग की चेतावनी

यह तबाही प्रदेश में जारी मूसलाधार बारिश का ही नतीजा है। मौसम विज्ञान विभाग ने आज, यानी गुरुवार के लिए भी राज्य के चार जिलों- देहरादून, टिहरी, नैनीताल और चंपावत में बारिश का ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है। इन जिलों में बिजली चमकने के साथ तेज दौर की बारिश होने की प्रबल संभावना है।

मौसम विज्ञानी रोहित थपलियाल के अनुसार, येलो अलर्ट वाले इन चारों जिलों के अधिकांश हिस्सों में बारिश के कई दौर देखने को मिल सकते हैं। उन्होंने बताया कि अगले पांच दिनों तक प्रदेश में बारिश का यह दौर जारी रहेगा और कुछ पर्वतीय हिस्सों में तीव्र बौछार की स्थिति भी बन सकती है।

देहरादून में भी मौसम का बदला मिजाज

राजधानी देहरादून में भी मौसम का मिजाज बदला हुआ है। बुधवार को हुई हल्की बारिश के बाद निकली धूप ने उमस बढ़ा दी, जिससे अधिकतम तापमान में 2.5 डिग्री और न्यूनतम तापमान में 1.1 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई। बुधवार को दून का अधिकतम तापमान 34.4 डिग्री और न्यूनतम तापमान 24.3 डिग्री रहा। मौसम विभाग के अनुसार, अगले पांच दिनों तक देहरादून में भी भारी बारिश की संभावना है। गुरुवार को भी दून में गर्जन के साथ कई दौर की बारिश हो सकती है, जिससे अधिकतम तापमान में गिरावट आने का अनुमान है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक रूप से पहाड़ी यात्रा से बचने की अपील की है।

 

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