चंडीगढ़। पंजाब की अर्थव्यवस्था ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जिसने राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। जून 2025 में, राज्य के नेट जीएसटी कलेक्शन में 44.44 प्रतिशत की अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही, वित्तीय वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भी 27.01 प्रतिशत की शानदार वृद्धि देखने को मिली है, जो राज्य के इतिहास में किसी एक महीने और किसी भी तिमाही में अब तक की सर्वाधिक जीएसटी राजस्व वृद्धि है।
यह जानकारी पंजाब के वित्त, योजना, उत्पाद शुल्क और कराधान मंत्री, एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी। इस अवसर पर उन्होंने राज्य के आर्थिक विकास में अनुकरणीय योगदान देने के लिए शीर्ष पांच करदाताओं—अंबुजा सीमेंट के आशु अग्निहोत्री, एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी लिमिटेड (एचएमईएल) के संजय मल्होत्रा, सैमसंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के चमन लाल शर्मा, टाटा स्टील के अंकुश शर्मा और दादा मोटर्स के नितिन दादा—को सम्मानित भी किया।
वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि पंजाब ने जीएसटी वृद्धि के मामले में राष्ट्रीय औसत को भी पीछे छोड़ दिया है और सीमा संबंधी तनावों जैसी चुनौतियों के बावजूद देश के शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्यों में अपनी जगह बनाई है। जून 2025 में नेट जीएसटी कलेक्शन ₹2379.90 करोड़ रहा, जो जून 2024 के ₹1647.69 करोड़ के मुकाबले ₹732.21 करोड़ अधिक है। वहीं, 2025-26 की पहली तिमाही में कुल नेट जीएसटी कलेक्शन ₹6,830.40 करोड़ तक पहुंच गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह ₹5,377.75 करोड़ था।

इस मौके पर वित्त मंत्री ने पिछली अकाली-भाजपा और कांग्रेस सरकारों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने लगातार राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित की है। उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि आम आदमी पार्टी सरकार ने तीन वर्षों में ₹62,733 करोड़ का जीएसटी एकत्र किया है, जबकि कांग्रेस सरकार ने अपने पूरे पांच साल के कार्यकाल में केवल ₹55,146 करोड़ ही एकत्र किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकारें केवल केंद्र से मिलने वाले मुआवजे पर निर्भर थीं, जबकि उनकी सरकार ने टैक्स चोरी रोकने और करदाता अनुपालन में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए हैं।
मंत्री चीमा ने हालिया प्रवर्तन कार्रवाइयों का खुलासा करते हुए बताया कि एक बड़े जीएसटी धोखाधड़ी सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया गया है, जिसमें एक अकाउंटेंट द्वारा 20 फर्जी फर्में बनाकर ₹866.67 करोड़ का फर्जी बिलिंग घोटाला किया गया, जिससे ₹157.22 करोड़ की टैक्स चोरी का अनुमान है। एक अन्य मामले में, एक ट्रांसपोर्ट फर्म द्वारा ₹168 करोड़ के बिना हिसाब वाले माल के परिवहन का खुलासा हुआ, जिसमें ₹30.66 करोड़ की टैक्स देनदारी शामिल है।
वित्त मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि राज्य पर पिछली सरकारों द्वारा लिए गए कर्ज का भारी बोझ है, लेकिन उन्होंने विश्वास दिलाया कि वर्तमान सरकार अपने कर्ज दायित्वों के प्रबंधन के लिए सक्रिय कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार ने हाल ही में गारंटी मोचन निधि (GRF) और समेकित सिंकिंग फंड (CSF) में ₹1,000-₹1,000 करोड़ का निवेश किया है, जिससे राज्य की वित्तीय स्थिरता को और मजबूती मिली है।
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