चंडीगढ़। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले और विभिन्न अभियानों में दिव्यांग हुए सैनिकों के परिवारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने शहीदों और दिव्यांग सैनिकों के 18 परिवारों को ₹3,69,07,500 (तीन करोड़ उनहत्तर लाख सात हजार पांच सौ रुपये) की अनुग्रह राशि वितरित की है। यह वित्तीय सहायता राज्य के 9 विभिन्न जिलों के लाभार्थी परिवारों तक पहुंचाई गई है।
इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए पंजाब के रक्षा सेवा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने बताया कि यह कदम मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत देश के वीर सपूतों और उनके परिवारों का सम्मान और कल्याण सुनिश्चित करना सर्वोच्च प्राथमिकता है।
सरकार का अटूट समर्थन: मंत्री मोहिंदर भगत
रक्षा सेवा कल्याण मंत्री मोहिंदर भगत ने सरकार के इस कदम पर जोर देते हुए कहा, “पंजाब के वीर सपूतों ने राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनके परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा रहना हमारा परम कर्तव्य है। यह अनुग्रह राशि उनके अद्वितीय सेवा और बलिदान के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने का एक विनम्र प्रतीक मात्र है।”

उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार भविष्य में भी सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। यह वित्तीय सहायता न केवल परिवारों को एक आर्थिक संबल प्रदान करेगी, बल्कि यह संदेश भी देगी कि राष्ट्र और राज्य सरकार उनके त्याग को कभी नहीं भूलेंगे।
पंजाब की गौरवशाली सैन्य परंपरा
पंजाब का इतिहास हमेशा से ही देश की रक्षा में वीर जवानों के योगदान से भरा रहा है। राज्य के युवाओं में सशस्त्र बलों में शामिल होकर देश सेवा करने का एक गहरा जज्बा रहा है। जब कोई सैनिक देश के लिए शहीद होता है, तो उसके परिवार को न केवल एक असहनीय भावनात्मक आघात लगता है, बल्कि उन्हें कई बार आर्थिक चुनौतियों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली यह सहायता राशि इन परिवारों के लिए एक बहुत बड़ा सहारा बनती है और उन्हें यह महसूस कराती है कि इस कठिन समय में पूरा देश उनके साथ है।
भगवंत मान सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम इसी गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाता है। यह पहल न केवल प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत पहुंचाएगी, बल्कि देश की सीमाओं पर तैनात अन्य सैनिकों का भी मनोबल बढ़ाएगी। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नायकों और उनके परिवारों के सम्मान और देखभाल के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगी।