चंडीगढ़। पंजाब की राजनीति में आय से अधिक संपत्ति मामले में घिरे अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है। वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस और भाजपा के उन नेताओं पर तीखा हमला बोला, जो अब मजीठिया के बचाव में उतर आए हैं। चीमा ने पुराने ऑडियो-वीडियो क्लिप चलाकर इन नेताओं के ‘दोहरे चरित्र’ को उजागर किया और आरोप लगाया कि जो लोग पहले मजीठिया को जेल भेजने की बातें करते थे, आज वही आम आदमी पार्टी की सरकार की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं।
चीमा ने आरोप लगाया कि पंजाब में नशे का जाल 2007 से 2017 के बीच अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान फैला। उन्होंने कहा कि जब भी पंजाब का इतिहास लिखा जाएगा, इन दस सालों का जिक्र काले अक्षरों में होगा। उन्होंने कहा कि विरोधी दल अब मान सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाकर मजीठिया को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनकी कथनी और करनी में भारी अंतर को दिखाता है।
एक-एक कर खोली नेताओं की पोल
वित्त मंत्री ने सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा को निशाने पर लिया। उन्होंने बाजवा का एक पुराना वीडियो चलाते हुए कहा, “इन्हें दोगला कहें या कुछ और?” चीमा ने बताया कि 19 सितंबर, 2016 को बाजवा ने पट्टी में कहा था कि जब कांग्रेस की सरकार आएगी तो वे बिक्रम मजीठिया के गले में रस्सा डालकर उसे सीआईए स्टाफ के सामने लाएंगे। चीमा ने सवाल किया कि अब जब मान सरकार ने एक्शन लिया है, तो वही बाजवा हमारी सरकार को भ्रष्ट क्यों कह रहे हैं?

इसके बाद उन्होंने कांग्रेस नेता सुखपाल खैहरा और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी पर भी तंज कसा। उन्होंने खैहरा की एक ऑडियो क्लिप सुनाई, जिसमें वह अकाली वर्करों को मजीठिया के ड्रग्स माफिया से संबंधों के चलते उनके घर के बाहर प्रदर्शन करने के लिए उकसा रहे थे। वहीं, चन्नी के बारे में चीमा ने कहा कि 111 दिन के मुख्यमंत्री रहते हुए वह भी मजीठिया के खिलाफ कार्रवाई की बात करते थे, लेकिन अब उनके सुर बदल गए हैं।
चीमा के निशाने पर केंद्रीय राज्य मंत्री बन चुके रवनीत सिंह बिट्टू भी आए। उन्होंने कहा कि जब बिट्टू कांग्रेस में थे, तो वह मजीठिया को गांवों में नशा पहुंचाने वाला बताते थे और कहते थे कि उसे जेल से बाहर नहीं आने देंगे। लेकिन अब भाजपा में शामिल होते ही उनके शब्द बदल गए हैं। हरपाल चीमा का यह हमला पंजाब में सत्तारूढ़ ‘आप’ और विपक्षी दलों के बीच चल रहे टकराव को और गहरा करने वाला है।