थुनाग, सराज। हिमाचल प्रदेश के सराज विधानसभा क्षेत्र में रविवार रात से जारी मूसलाधार बारिश ने प्रलय जैसी स्थिति पैदा कर दी है। भूस्खलन और चट्टानें गिरने से क्षेत्र का संपर्क बाकी दुनिया से लगभग कट गया है। सोमवार सुबह तक 38 सड़कें पूरी तरह बंद हो चुकी थीं, और 98 ट्रांसफार्मर ठप हो जाने से आधा सराज अंधेरे में डूब गया, जिससे हजारों लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
चैलचौक-जंजैहली मार्ग पर हुए भारी भूस्खलन के कारण सैकड़ों यात्री और स्थानीय लोग घंटों तक फंसे रहे। स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि क्षेत्र के मुख्य संपर्क मार्ग भी अवरुद्ध हो गए हैं, जिससे राहत और बचाव कार्यों में भी भारी मुश्किलें आ रही हैं।
संसाधनों की कमी ने बढ़ाई मुसीबत
इस आपदा के बीच, लोक निर्माण विभाग (PWD) की तैयारियों पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जंजैहली पीडब्ल्यूडी मंडल के अंतर्गत आने वाली लगभग 350 सड़कों को खोलने के लिए विभाग के पास महज छह जेसीबी मशीनें ही उपलब्ध हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये मशीनें भी ईंधन और कर्मचारियों की कमी के कारण सुचारू रूप से काम नहीं कर पा रही हैं। इसका एक उदाहरण लंबाथाच-कल्हणी सड़क मार्ग पर देखने को मिला, जो रविवार रात को बंद हो गया था। स्थानीय लोगों ने सुबह 7 बजे विभाग से संपर्क किया, लेकिन मशीन दोपहर एक बजे के बाद ही मौके पर पहुंच सकी, जिससे लोगों में भारी रोष है।

48 घंटे से बिजली-पानी-नेटवर्क ठप
सड़कों के साथ-साथ बिजली व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई है। जंजैहली उपमंडल के एसडीओ हरीश कुमार के अनुसार, क्षेत्र के कुल 240 ट्रांसफार्मरों में से 98 पूरी तरह ठप हो गए हैं। कई गांवों में पिछले 48 घंटों से बिजली गुल है। बिजली न होने के कारण पेयजल आपूर्ति योजनाएं भी बंद हो गई हैं और मोबाइल नेटवर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिससे लोगों का संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, तहसीलदार रजत सेठी ने लोक निर्माण विभाग को युद्धस्तर पर सड़कों को बहाल करने के निर्देश दिए हैं। हालांकि, संसाधनों की कमी और लगातार हो रही बारिश के कारण स्थिति को सामान्य होने में अभी और समय लग सकता है।
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