नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान के बीच तनाव की सुलगती आग में ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ की एक सनसनीखेज रिपोर्ट ने नया घी डाल दिया है। अखबार ने खुलासा किया है कि ईरान हालिया अमेरिकी हमलों से अपने परमाणु कार्यक्रम को हुए नुकसान को दुनिया के सामने जानबूझकर कम आंक रहा है। यह दावा अमेरिकी खुफिया एजेंसियों द्वारा पकड़ी गई ईरानी अधिकारियों की गुप्त बातचीत के आधार पर किया गया है। हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इसे “बकवास” करार दिया है और दावा किया है कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह खत्म हो चुका है।
रिपोर्ट में क्या है सनसनीखेज दावा?
‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने ईरानी अधिकारियों के बीच हुई बातचीत को इंटरसेप्ट किया है। इस बातचीत में ईरानी अधिकारी कथित तौर पर यह कहते सुने गए कि अमेरिकी हमलों से उन्हें कोई “खास नुकसान” नहीं हुआ है। रिपोर्ट में चार खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए कहा गया है कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को हुए विनाशकारी नुकसान को छिपाने और दुनिया के सामने अपनी ताकत का भ्रम बनाए रखने की कोशिश कर रहा है। रॉयटर्स ने भी एक गुमनाम सूत्र के हवाले से इन बातों को “अविश्वसनीय” बताया है, जिनका मानना है कि ये सही तस्वीर पेश नहीं करतीं।
नुकसान पर परस्पर विरोधी दावे

यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब ईरान के परमाणु कार्यक्रम को हुए वास्तविक नुकसान को लेकर पहले से ही परस्पर विरोधी रिपोर्टें सामने आ रही हैं। एक तरफ, अमेरिकी डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी (DIA) की एक लीक हुई शुरुआती रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया था कि इन हमलों से ईरान का कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए ही पीछे धकेला जा सका है।
वहीं, दूसरी ओर पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लगातार यह दावा कर रहे हैं कि हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को पूरी तरह “तबाह” कर दिया है। हालांकि, अमेरिकी अधिकारी भी मानते हैं कि नुकसान का सटीक आकलन करने में अभी और समय लग सकता है।
व्हाइट हाउस ने रिपोर्ट को किया खारिज
अमेरिकी सरकार ने इस रिपोर्ट पर बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, “यह सोचना भी बकवास है कि कुछ गुमनाम ईरानी अधिकारी सैकड़ों फीट मलबे के नीचे दबी हकीकत को जानते होंगे। उनका परमाणु हथियार कार्यक्रम खत्म हो चुका है।”
खुद डोनाल्ड ट्रंप ने भी फॉक्स न्यूज के शो ‘संडे मॉर्निंग फ्यूचर्स विद मारिया बार्टिरोमो’ में अपने दावे को दोहराते हुए कहा कि हमलों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को इस तरह तबाह किया है जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
यह पूरा घटनाक्रम अमेरिका और ईरान के बीच चल रहे सूचना युद्ध (information warfare) को उजागर करता है। इन परस्पर विरोधी दावों और खुफिया रिपोर्टों के बीच, ईरान के परमाणु कार्यक्रम को वास्तव में कितना नुकसान हुआ है, इसकी सटीक जानकारी अभी भी रहस्य के पर्दे में है।
Pls read:US: जैसे भारत-पाकिस्तान में कराया, वैसे ही इजरायल-ईरान के बीच भी कराऊंगा समझौता- ट्रंप