संगारेड्डी, तेलंगाना। तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में स्थित एक फार्मा कंपनी में आज सुबह एक विनाशकारी धमाका हो गया, जिसके बाद फैक्ट्री में भीषण आग लग गई। यह भयावह घटना मेडक के पसामैलाराम औद्योगिक क्षेत्र के फेज-1 में स्थित सिगाची फार्मा कंपनी में घटी। कंपनी के एक रिएक्टर में हुए इस विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, इस दर्दनाक हादसे में कम से कम 6 लोगों की मौत होने की आशंका है, जबकि 15 से 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।
यह हादसा आज सुबह लगभग 9 बजे हुआ, जब कंपनी में उत्पादन का काम चल रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एक जोरदार धमाके की आवाज सुनाई दी और देखते ही देखते पूरी फैक्ट्री आग की लपटों और काले धुएं के गुबार में घिर गई। धमाका इतना शक्तिशाली था कि धुएं का विशाल गुबार मीलों दूर से दिखाई दे रहा था, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।
घटना की सूचना मिलते ही तेलंगाना फायर विभाग, पुलिस और बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंच गए। आग की भयावहता को देखते हुए दमकल की करीब 11 गाड़ियां आग बुझाने के काम में जुट गईं। पुलिस ने फौरन एंबुलेंस का इंतजाम किया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराना शुरू कर दिया। बचाव दल फैक्ट्री के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, हादसे के समय कई कर्मचारी रिएक्टर के पास ही काम कर रहे थे, जो सीधे तौर पर विस्फोट की चपेट में आ गए। बताया जा रहा है कि 6 कर्मचारियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक मौतों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है। घायलों में कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
इस फैक्ट्री में उत्तर प्रदेश और ओडिशा समेत देश के कई अन्य राज्यों के श्रमिक भी काम करते हैं। धमाके के बाद जब आग तेजी से फैली, तो कई लोग अंदर ही फंस गए। हालांकि, यह गनीमत रही कि ज्यादातर कर्मचारी किसी तरह अपनी जान बचाकर बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन इस दौरान कई लोग आग की लपटों में बुरी तरह झुलस गए।
फिलहाल, आग पर काबू पाने का काम जारी है और पुलिस घटना के कारणों की जांच कर रही है। यह हादसा औद्योगिक इकाइयों में सुरक्षा मानकों को लेकर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करता है। प्रशासन का कहना है कि उनकी पहली प्राथमिकता घायलों को बेहतर इलाज मुहैया कराना और स्थिति को नियंत्रण में लाना है। जांच पूरी होने के बाद ही विस्फोट के असली कारणों का पता चल पाएगा।
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