नई दिल्ली।
मध्य-पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच गहराता तनाव अब वैश्विक चिंता का विषय बन गया है, जिसकी आंच वहां रह रहे आम नागरिकों तक पहुंचने लगी है। इस संघर्ष का दुर्भाग्यपूर्ण असर ईरान में शिक्षा प्राप्त कर रहे भारतीय छात्रों पर भी पड़ा है। बीती रात ईरान की राजधानी तेहरान में हुए एक हमले में जम्मू-कश्मीर के रहने वाले दो भारतीय छात्र घायल हो गए, जिसने भारतीय समुदाय में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है।
यह घटना तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए बने बॉयज हॉस्टल के पास घटी। हालांकि, राहत की बात यह है कि घायल हुए दोनों छात्रों की हालत अब स्थिर है। घटना के तुरंत बाद, विश्वविद्यालय प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए दोनों छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी और उन्हें एक सुरक्षित स्थान, रामसर, में स्थानांतरित कर दिया है। इस घटना ने न केवल ईरान में पढ़ रहे हजारों भारतीय छात्रों और उनके परिवारों को चिंतित कर दिया है, बल्कि इसने भारत सरकार को भी तत्काल कदम उठाने पर मजबूर किया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए तेहरान स्थित भारतीय दूतावास और स्थानीय ईरानी प्रशासन मिलकर इस हमले की जांच में जुट गए हैं। जांच का मुख्य उद्देश्य हमले के पीछे के कारणों और इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगाना है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।

इस बीच, भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें वहां से सुरक्षित निकालने के लिए कमर कस ली है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सरकार एक विशेष ऑपरेशन शुरू करने की तैयारी में है ताकि तनावग्रस्त क्षेत्र से भारतीयों को सुरक्षित बाहर लाया जा सके। बताया जा रहा है कि नागरिकों को निकालने के लिए जमीनी मार्गों का उपयोग किया जा सकता है। इसके लिए अजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान से लगी सीमाओं के रास्ते इस्तेमाल किए जाने की संभावना है।
इस निकासी योजना को ईरान सरकार का भी समर्थन मिला है। ईरानी सरकार ने आश्वासन दिया है कि वह सभी विदेशी नागरिकों, जिनमें भारतीय भी शामिल हैं, को उनके देशों तक सुरक्षित पहुंचाने में पूरा सहयोग करेगी।
यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि कैसे दो देशों के बीच का सैन्य संघर्ष आम नागरिकों, विशेषकर छात्रों के जीवन को खतरे में डाल सकता है, जिनका उस संघर्ष से कोई लेना-देना नहीं होता। भारत सरकार स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है और अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कूटनीतिक और जमीनी प्रयास कर रही है, ताकि इस मुश्किल घड़ी में उन्हें हर तरह की मदद मुहैया कराई जा सके और सुरक्षित वतन वापस लाया जा सके।
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