Uttarakhand: उत्तराखंड में 2 लाख से अधिक विवाह पंजीकृत, CM धामी बोले- यह ऐतिहासिक बदलाव

देहरादून।

देश में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने वाला पहला राज्य बनकर इतिहास रचने वाला उत्तराखंड अब एक बड़े सामाजिक बदलाव का गवाह बन रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की है कि प्रदेश में UCC के लागू होने के बाद से अब तक दो लाख से अधिक विवाह इस नए कानून के तहत सफलतापूर्वक पंजीकृत हो चुके हैं। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक उपलब्धि बताते हुए कहा कि यह देवभूमि की जनता के विश्वास और सहभागिता का प्रमाण है।

सरल और पारदर्शी बनी विवाह पंजीकरण प्रक्रिया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि UCC के तहत विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को अब पहले से कहीं अधिक सरल, सुलभ और पारदर्शी बना दिया गया है। ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा ने न केवल प्रक्रिया को आसान बनाया है, बल्कि यह सभी समुदायों के लिए एक समान मंच भी प्रदान करता है, जो इस कानून के मूल उद्देश्य को दर्शाता है। यह ऐतिहासिक बदलाव राज्य में विवाह जैसी महत्वपूर्ण सामाजिक संस्था को कानूनी रूप से और अधिक मजबूत कर रहा है।

आर्थिक बाधा खत्म, 2025 तक रजिस्ट्रेशन निःशुल्क

राज्य सरकार ने इस बात का भी विशेष ध्यान रखा है कि कोई भी नागरिक आर्थिक तंगी के कारण अपने कानूनी अधिकार से वंचित न रह जाए। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 26 जुलाई 2025 तक विवाह पंजीकरण का शुल्क पूरी तरह से निःशुल्क करने का निर्णय लिया है। इस कदम का उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों को अपने विवाह को कानूनी रूप से पंजीकृत कराने के लिए प्रोत्साहित करना है, ताकि उन्हें कानून द्वारा दिए गए सभी अधिकारों का लाभ मिल सके।

जनता के विश्वास का प्रतीक हैं आंकड़े

मुख्यमंत्री ने कहा कि इतने कम समय में दो लाख से अधिक विवाहों का UCC के अंतर्गत पंजीकृत होना यह साबित करता है कि प्रदेश की देवतुल्य जनता ने इस प्रगतिशील कानून को खुले दिल से स्वीकार किया है। यह आंकड़ा केवल एक संख्या नहीं, बल्कि जनता के उस विश्वास का प्रतीक है जो उन्होंने सरकार की नीतियों और एक समान न्याय की अवधारणा पर दिखाया है।

उन्होंने प्रदेश के सभी नागरिकों, विशेषकर युवाओं से अपील करते हुए कहा कि वे अपने विवाह का ऑनलाइन पंजीकरण अवश्य करवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा, “मिलकर इस नवचेतना को सशक्त बनाएं और एक न्यायपूर्ण, समान और समृद्ध उत्तराखंड के निर्माण में सहभागी बनें।”

समान नागरिक संहिता का सफल कार्यान्वयन उत्तराखंड को देश के अन्य राज्यों के लिए एक मॉडल के रूप में स्थापित कर रहा है। यह न केवल विवाहों को कानूनी सुरक्षा प्रदान कर रहा है, बल्कि महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने और सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी ढांचा तैयार करने की दिशा में भी एक मील का पत्थर साबित हो रहा है।

 

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