देहरादून: उत्तराखंड में मानसून पूर्व तैयारियों को लेकर राज्य आपदा प्राधिकरण ने शनिवार को एक कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर “आपदा सखी” योजना शुरू करने की घोषणा की। यह योजना आपदा मित्र योजना की तर्ज पर चलाई जाएगी, जिसमें महिला स्वयंसेवकों को आपदा से पूर्व चेतावनी, प्राथमिक चिकित्सा, राहत एवं बचाव कार्यों और मनोवैज्ञानिक सहायता आदि का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कार्यशाला आपदा प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से संवेदनशील राज्य है और बीते वर्षों की आपदाओं से सबक लेते हुए काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आपदाओं को रोका नहीं जा सकता, लेकिन तैयारी और सामूहिक प्रयासों से नुकसान को कम किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रबंधन को सभी विभागों का सामूहिक दायित्व बताया और जनभागीदारी पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि स्थानीय नागरिकों, आपदा प्रबंधन समितियों, महिला एवं युवा समूहों, स्वयंसेवी संगठनों और रेडक्रॉस जैसी संस्थाओं को प्रशिक्षित करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने प्रोएक्टिव और रिएक्टिव दोनों तरह की रणनीतियों को अपनाने की बात कही। उन्होंने 2024 में गौरीकुंड और टिहरी में हुई घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि त्वरित कार्रवाई से कई जानें बचाई जा सकी थीं।

उन्होंने कहा कि पूर्वानुमान, आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक उपायों से आपदा के प्रभाव को कम किया जा सकता है। राज्य में रैपिड रिस्पांस टीम, ड्रोन निगरानी, जीआईएस मैपिंग और सैटेलाइट मॉनिटरिंग जैसी तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि यह कार्यशाला मानसून से पहले की तैयारियों को मज़बूत बनाएगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है, इसलिए पूर्व तैयारी बेहद ज़रूरी है।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य राजेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तराखंड में 15 जून से सितंबर तक का समय आपदा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उन्होंने पूर्वानुमान, बुनियादी ढांचे और जन जागरूकता पर ज़ोर दिया। उन्होंने बताया कि भूस्खलन रोकथाम के लिए 140 करोड़ रुपये और संवेदनशील झीलों के लिए 40 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय रोहेला ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सिल्क्यारा रेस्क्यू अभियान सफल रहा।
सचिव आपदा विनोद कुमार सुमन ने बताया कि कार्यशाला में मौसम पूर्वानुमान, बाढ़ पूर्वानुमान, भूस्खलन चेतावनी प्रणाली, ग्लेशियर निगरानी, मानसून में होने वाली बीमारियों से बचाव जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी।
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