चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) में नियुक्तियों को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इन मुद्दों पर केंद्र सरकार की मनमानी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य के मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ये भेदभावपूर्ण फैसले पूरी तरह से अनुचित और अवांछनीय हैं क्योंकि राज्य के अधिकारियों की अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बीबीएमबी के पुनर्गठन की मांग करते हुए कहा कि किसी भी राज्य के मतदान के अधिकार उसके बीबीएमबी में हिस्से के अनुसार तय होने चाहिए।
मान ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि पंजाब का बीबीएमबी में 60% हिस्सा है, लेकिन उसका वोट शेयर हरियाणा और राजस्थान के बराबर है, जिनका कुल मिलाकर 40% हिस्सा है। उन्होंने कहा कि यह हास्यास्पद है क्योंकि 40% हिस्से वाले राज्य कभी भी 60% हिस्से वाले राज्य के खिलाफ फैसला ले सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब के पास किसी भी राज्य के साथ साझा करने के लिए अतिरिक्त पानी नहीं है और राज्य के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी फैसला स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान नेता अपने निहित स्वार्थों के लिए हरियाणा और अन्य राज्यों के साथ पानी साझा करते थे, लेकिन अब यह बिल्कुल अस्वीकार्य है क्योंकि पंजाब को सिंचाई के लिए पानी की जरूरत है.
एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अमृतसर में हुए विस्फोट मामले की जांच कर रही है. उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा और कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मान ने दोहराया कि राज्य की शांति भंग करने की किसी को भी अनुमति नहीं दी जाएगी।
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