Himachal: प्रदेश में 500 ml तक की PET पानी की बोतलों पर प्रतिबंध, सार्वजनिक परिवहन में कूड़ेदान अनिवार्य

शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आज एक समीक्षा बैठक में बताया कि राज्य के सभी सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और अन्य संगठनों द्वारा आयोजित बैठकों, सम्मेलनों, कार्यक्रमों के साथ-साथ हिमाचल पर्यटन विकास निगम और निजी होटलों में 500 मिलीलीटर तक की पॉलीइथाइलीन टेरेफ्थेलेट (PET) पानी की बोतलों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला राज्य में प्लास्टिक से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को देखते हुए लिया गया है।

मुख्य सचिव ने सभी संबंधित विभागों से इस दिशा में उठाए जा रहे कदमों की जानकारी ली और पर्यावरण संरक्षण के प्रति सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जन जागरूकता बढ़ाने के भी निर्देश दिए ताकि लोगों को इस बारे में जागरूक किया जा सके।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने सभी प्रकार के पर्यटक वाहनों, सार्वजनिक और निजी परिवहन और टैक्सी सेवाओं में कूड़ेदान रखना अनिवार्य कर दिया है। हिमाचल पथ परिवहन निगम के अधिकारियों ने बताया कि सभी सरकारी बसों में कूड़ेदान लगा दिए गए हैं। बस स्टैंड और वर्कशॉप में बसों की सफाई के दौरान प्लास्टिक कचरा एकत्र करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। इसके अलावा, HRTC द्वारा अनुमोदित ढाबों में प्लास्टिक कचरा एकत्र करने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। मुख्य सचिव ने परिवहन विभाग के अधिकारियों को राज्य में आने वाले पर्यटक वाहनों सहित निजी परिवहन टैक्सियों में कूड़ेदान के संबंध में जारी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों को टैक्सी स्टैंड के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरा एकत्र करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए ताकि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके।

सक्सेना ने विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी (ERP) के कार्यान्वयन की वर्तमान स्थिति और विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करने के लिए पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा आयोजित एक बैठक की भी अध्यक्षता की। उन्होंने इस संबंध में आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी किए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विस्तारित उत्पादक जिम्मेदारी (ERP) का सफल कार्यान्वयन राज्य में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन को मजबूत करेगा और पर्यावरण की रक्षा में भी मददगार साबित होगा।

बैठक में पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और जलवायु परिवर्तन, परिवहन, HRTC, ग्रामीण विकास, पर्यटन, हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी विकास, पुलिस विभाग और अन्य के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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