शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 22 मई से पाँच दिवसीय दौरे पर दिल्ली जाएंगे। 23 मई को वे 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष डॉ. अरविंद पनगढ़िया से मुलाकात करेंगे और राज्य के राजस्व घाटा अनुदान की सीमा बढ़ाने का मामला उठाएंगे। मुख्यमंत्री सुक्खू इससे पहले भी प्रधानमंत्री और केंद्र सरकार के विभिन्न स्तरों पर राज्य की आर्थिक स्थिति के बारे में चर्चा कर चुके हैं।
राजस्व घाटा अनुदान के तहत मिलने वाली राशि को राज्य सरकार अपनी आवश्यकतानुसार कहीं भी खर्च कर सकती है, जबकि केंद्र सरकार से योजनाओं के तहत मिलने वाले बजट को किसी विशिष्ट कार्य के लिए ही उपयोग किया जा सकता है।
राज्य सरकार की ओर से वित्त आयोग के समक्ष यह तर्क रखा जाएगा कि राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में सालाना 3000 करोड़ रुपये से अधिक का उत्पादन होता है, लेकिन केंद्रीय करों से मिलने वाली धनराशि उपभोग पर निर्भर करती है। इसलिए, राज्य सरकार राजस्व घाटा अनुदान के तहत अधिक धनराशि प्राप्त करने का पूरा प्रयास करेगी।

16वां वित्त आयोग वर्ष 2026 में लागू होगा। 24 मई को मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में शामिल होंगे। इसी दिन वे प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे और राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इन मुद्दों में ऋण की वार्षिक सीमा बढ़ाना, केंद्रीय करों में हिस्सेदारी बढ़ाना, और तुर्की से सेब आयात पर प्रतिबंध लगाने जैसे मामले शामिल हैं।
25 मई को भी मुख्यमंत्री दिल्ली में ही रुकेंगे। इस दौरान वे कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी मुलाकात कर सकते हैं। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि हिमाचल में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और प्रदेश कार्यकारिणी के गठन पर भी चर्चा हो सकती है। पहले केंद्र ने उपमुख्यमंत्री और सभी कैबिनेट मंत्रियों को भी दिल्ली बुलाया था, लेकिन अब 30 मई को शिमला में कांग्रेस की ‘जय हिंद सभा’ आयोजित हो रही है, इसलिए अन्य नेताओं का दिल्ली जाने का कार्यक्रम अभी तय नहीं है।