कनाडा के नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी द्वारा गठित मंत्रिमंडल में चार पंजाबी मूल के नेताओं को शामिल किया गया है, जिससे भारत और कनाडा के बीच तनावपूर्ण रिश्तों में सुधार की उम्मीद जगी है। अनीता आनंद, मनिंदर सिद्धू, रूबी सहोता और रणदीप सराय को मंत्री बनाया गया है।
कनाडा में पंजाबी समुदाय के लोगों का मानना है कि इन नियुक्तियों से खालिस्तानी विचारधारा को दरकिनार कर दोनों देशों के बीच नए संबंधों की शुरुआत हो सकती है. विशेष रूप से, अनीता आनंद का गीता पर हाथ रखकर शपथ ग्रहण करना और मनिंदर सिद्धू का कट्टरपंथी बयानबाजी से दूर रहना इस बात का संकेत है कि नए मंत्रिमंडल का रुख सकारात्मक है.
कुछ पंजाबी सिख संगठनों का यह भी मानना है कि कार्नी ने जानबूझकर हरजीत सिंह सज्जन और सुख धालीवाल जैसे सीनियर नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया है, जो कट्टरपंथी विचारधारा रखते हैं. यह कनाडा सरकार का स्पष्ट संदेश है कि वह कट्टरपंथ का समर्थन नहीं करेगी.
कार्नी का यह कदम पूर्व प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के कार्यकाल में बिगड़े भारत-कनाडा संबंधों को सुधारने का एक प्रयास माना जा रहा है. चार भारतीय मूल के नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल कर, कार्नी ने रिश्तों को नई दिशा देने की कोशिश की है.
मंत्रियों के बारे में:
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रूबी सहोता: टोरंटो में पंजाबी मूल के माता-पिता के घर जन्मीं, ब्रैम्पटन नॉर्थ-कैलेडन से सांसद, गैंग हिंसा और संगठित अपराध पर ध्यान केंद्रित करेंगी.
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रणदीप सराय: वैंकूवर में जन्मे और साउथ बर्नबी में पले-बढ़े, 2015 में सरे-सेंटर से पहली बार सांसद बने.
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