नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने सोमवार को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी है। कोहली ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 30 शतक और 31 अर्धशतकों की मदद से 9230 रन बनाए हैं। कोहली ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था।
रोहित शर्मा के बाद अब विराट कोहली ने भी टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। इससे यह तय हो गया है कि इंग्लैंड दौरे पर भारतीय टीम नए कप्तान और नए चेहरों के साथ उतरेगी। कुछ समय पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि कोहली इंग्लैंड दौरे से पहले टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह सकते हैं। उस समय कई दिग्गज क्रिकेटरों ने उन्हें इंग्लैंड सीरीज तक खेल जारी रखने की सलाह दी थी।
भावुक पोस्ट के साथ की घोषणा
कोहली ने अपने सोशल मीडिया हैंडल्स पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहने हुए 14 साल हो चुके हैं। ईमानदारी से कहूं तो मैंने कभी कल्पना नहीं की थी कि यह प्रारूप मुझे किस सफर पर ले जाएगा। इसने मेरी परीक्षा ली, मुझे आकार दिया और मुझे ऐसे सबक सिखाए, जिन्हें जीवनभर अपने साथ रखूंगा। सफेद कपड़ों में खेलना बहुत ही निजी अनुभव होता है। शांत वातावरण, लंबे दिन, छोटे-छोटे पल जिन्हें कोई नहीं देखता, लेकिन जो हमेशा आपके साथ रहते हैं। जैसे ही मैं इस प्रारूप से दूर होता हूं, यह आसान नहीं है – लेकिन यह सही लगता है।”
उन्होंने आगे लिखा, “मैंने इसमें अपना सब कुछ दिया है, और इसने मुझे मेरी उम्मीद से कहीं ज्यादा दिया है। मैं दिल से आभार के साथ जा रहा हूं – खेल के लिए, उन लोगों के लिए जिनके साथ मैंने मैदान साझा किया, और हर एक व्यक्ति के लिए जिसने मुझे इस दौरान देखा। मैं हमेशा अपने टेस्ट करियर को मुस्कुराते हुए देखूंगा। 269 साइनिंग ऑफ।”
शानदार रहा टेस्ट करियर
विराट कोहली ने पिछले साल टी20 विश्व कप के बाद टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। अब उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को भी अलविदा कह दिया है। हालांकि, वे एकदिवसीय क्रिकेट खेलना जारी रखेंगे। कोहली का टेस्ट करियर बेहद शानदार रहा है। ‘किंग कोहली’ ने 123 टेस्ट मैचों की 210 पारियों में 13 बार नाबाद रहते हुए 9230 रन बनाए। उनका औसत 46.85 का रहा। इस दौरान उन्होंने 30 शतक और 31 अर्धशतक जमाए। कोहली ने टेस्ट क्रिकेट में कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं। उनकी आक्रामक कप्तानी और शानदार बल्लेबाजी ने भारतीय टेस्ट टीम को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया। उनके संन्यास से भारतीय क्रिकेट में एक युग का अंत हो गया है।
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