शिमला: मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सोमवार को सचिवालय में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक की। उन्होंने सभी जिला और उप-जिला अस्पतालों को डॉक्टरों, विशेषज्ञों और उपकरणों से पूरी तरह सुसज्जित करने के निर्देश दिए। साथ ही, सरकारी मेडिकल कॉलेजों को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (NAAC) की मान्यता प्राप्त करने के लिए ज़रूरी कदम उठाने को कहा।
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि जर्मनी और जापान में नर्सिंग के क्षेत्र में रोज़गार की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा संचालित नर्सिंग पाठ्यक्रमों में जर्मन और जापानी भाषा भी सिखाई जाए। इसके लिए दून विश्वविद्यालय और अन्य भाषा संस्थानों की मदद ली जा सकती है।
उन्होंने एलोपैथिक चिकित्सा के साथ-साथ भारतीय चिकित्सा पद्धति (आयुष) को भी बढ़ावा देने पर ज़ोर दिया। इसके लिए एलोपैथी और आयुष को साथ मिलकर काम करने की ज़रूरत है।
चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थित अस्पतालों को सभी ज़रूरी सुविधाओं और उपकरणों से लैस करने के निर्देश दिए गए ताकि यात्रा के दौरान दूसरे अस्पतालों से डॉक्टरों की व्यवस्था न करनी पड़े.

मुख्य सचिव ने कहा कि दूर-दराज़ के इलाकों में टेलीमेडिसिन काफी कारगर साबित हो रही है और इसे आगे भी जारी रखा जाए. इसके लिए एक समर्पित टीम बनाई जाए और दूरस्थ स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित की जाए.
समीक्षा बैठक में सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार काम किया जा रहा है. डाईवाला और भटवाड़ी के दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को उप-जिला अस्पतालों में अपग्रेड किया जा रहा है. रुद्रपुर और पिथौरागढ़ मेडिकल कॉलेज का काम जारी है. विशेषज्ञ डॉक्टरों, नर्सों और लैब तकनीशियनों की भर्ती की जा रही है और स्वास्थ्य उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है. टीबी मुक्त पंचायत कार्यक्रम में लक्ष्य से अधिक सफलता मिली है.
बैठक में मिशन निदेशक स्वाति भदौरिया, अपर सचिव रीना जोशी और महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. सुनीता टम्टा समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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