चंडीगढ़, 3 मई 2025: पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी अभियान के तहत तरनतारन के पूर्व विधायक के बेटे, बहू, नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी (EO), क्लर्क और एक फर्म के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन पर परिषद के धन के गबन का आरोप है। EO, क्लर्क और फर्म मालिक को गिरफ्तार कर लिया गया है।
विजिलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि स्थानीय निकाय विभाग द्वारा की गई जाँच के बाद यह मामला विजिलेंस ब्यूरो को सौंपा गया था। जाँच के आधार पर विजिलेंस ब्यूरो, रेंज अमृतसर के थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2) और 13(1) तथा भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120-B के तहत मामला दर्ज किया गया है।
मामले में शामिल आरोपियों में नगर परिषद तरनतारन की निलंबित कार्यकारी अधिकारी शरणजीत कौर, क्लर्क नरिंदर कुमार, पूर्व विधायक धर्मवीर अग्निहोत्री के बेटे संदीप कुमार अग्निहोत्री, उनकी बहू और मेसर्स एमके पदम पेट्रोलियम की मालिक ज्योति सचदेवा, और मेसर्स शार्प फोकस विजन प्राइवेट लिमिटेड तथा मेसर्स एसआर एंटरप्राइजेज लिमिटेड के शेयरधारक राजीव गुप्ता शामिल हैं.
शरणजीत कौर, नरिंदर कुमार और राजीव गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया गया है.
जांच में हुआ फर्जी लेनदेन का खुलासा:
जांच में पता चला है कि EO शरणजीत कौर ने 2017 से 2022 के बीच फर्जी लेनदेन किए. उन्होंने मेसर्स सिद्धू कंस्ट्रक्शन कंपनी, मेसर्स ब्रदर कंस्ट्रक्शन कंपनी और मेसर्स फ्रेंड्स एसोसिएशन को विभिन्न मदों से चेक के माध्यम से गलत भुगतान किए. पूर्व विधायक के बेटे संदीप कुमार अग्निहोत्री के साथ मिलकर उन्होंने उनकी कंपनियों मेसर्स शार्प फोकस विजन प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स एसआर एंटरप्राइजेज को भी फर्जी भुगतान जारी किए.
स्थानीय निकाय विभाग द्वारा की गई जाँच में कुछ फर्जी भुगतानों की वसूली की गई, लेकिन 27,88,000 रुपये अभी भी बकाया हैं. जांच में यह भी पाया गया कि संदीप कुमार अग्निहोत्री ने अपनी पत्नी ज्योति सचदेवा की मेसर्स एमके पदम पेट्रोलियम के नाम पर 4,41,03,086 रुपये के फर्जी भुगतान प्राप्त किए. संदीप अग्निहोत्री ने इस राशि का कुछ हिस्सा नगर परिषद तरनतारन के खातों में वापस जमा कर दिया, लेकिन 35,45,404 रुपये अभी भी बकाया हैं. बकाया बिलों के समायोजन के बाद, मेसर्स एमके पदम पेट्रोलियम पर कुल 1,05,30,628 रुपये बकाया पाए गए.
इसके अलावा, प्रधान सचिव, स्थानीय निकाय विभाग, पंजाब द्वारा प्रदान की गई निरीक्षण रिपोर्ट के अनुसार, EO शरणजीत कौर ने अपने कार्यालय में तैनात क्लर्क राजीव कुमार (अब मृत) और क्लर्क नरिंदर कुमार को बिना किसी बिल या वर्क ऑर्डर के भुगतान किए.
जांच से साफ है कि EO शरणजीत कौर ने संदीप कुमार अग्निहोत्री के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया और उनकी फर्जी फर्मों को अवैध भुगतान किए. यह भी पाया गया कि बिना किसी टेंडर या कोटेशन के विभिन्न फर्मों को 14,61,980 रुपये, 3,25,000 रुपये और 2,09,400 रुपये का भुगतान किया गया.
विजिलेंस ब्यूरो मामले की जांच कर रहा है और फर्जी भुगतान प्राप्त करने वाले निजी व्यक्तियों की भूमिका की भी जाँच की जाएगी. आरोपियों को शुक्रवार को अदालत में पेश किया जाएगा.
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