Uttarakhand: एटकिन के निधन के बाद मसूरी के बंगले के स्वामित्व विवाद में नया मोड़

देहरादून: प्रख्यात लेखक बिल एटकिन के निधन के बाद मसूरी स्थित उनके बंगले ‘ओकलेस इस्टेट’ के स्वामित्व को लेकर चल रहे विवाद में नया मोड़ आ गया है. अब तक इस बंगले पर जींद रियासत की महारानी पृथ्वी बीर कौर के भतीजे प्रदीप सिंह घुमन और महारानी के सेवक के बेटे अरविंद सिंह चौहान दावा कर रहे थे, लेकिन अब महारानी की बेटी रतनबीर कौर पर्ल भी सामने आ गई हैं.

पर्ल ने ‘महारानी पृथ्वी जींद मेमोरियल ट्रस्ट’ के गठन पर ही सवाल उठाए हैं. उन्होंने मसूरी पुलिस से फोन पर संपर्क कर आरोप लगाया है कि प्रदीप सिंह घुमन ने गलत तरीके से पटियाला में ट्रस्ट को पंजीकृत कराया है. पुलिस ने पर्ल को अपना पक्ष रखने के लिए मसूरी बुलाया है.

अरविंद सिंह चौहान का कहना है कि अगर पुलिस उनकी तहरीर पर 14 दिनों के भीतर प्राथमिकी दर्ज नहीं करती है, तो वह न्यायालय जाएंगे. चौहान ने घुमन पर बंगले में जबरन घुसने और एटकिन का सामान गायब करने का आरोप लगाया है. वहीं, घुमन ने चौहान पर गाली-गलौज और धमकी देने की शिकायत दर्ज कराई है. एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है और अभी कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है.

महारानी की वसीयत:

  • दिल्ली स्थित बंगला: रतनबीर कौर के नाम

  • पंजाब स्थित पैतृक बंगला: छोटे बेटे अमर बीर सिंह (चुकलेस) के नाम. चुकलेस की देखभाल के लिए एक करोड़ रुपये का ट्रस्ट. चुकलेस के निधन के बाद यह राशि सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट को.

  • बिल एटकिन: 15 लाख रुपये

  • दिल्ली और मसूरी के बंगलों के सेवकों के परिवार: 5-5 लाख रुपये

पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि चुकलेस के लिए अलग ट्रस्ट बनना था या महारानी के नाम वाले ट्रस्ट में ही उसे शामिल किया जाना था. रतनबीर कौर वर्तमान में अपने दो बेटों के साथ नोएडा में रहती हैं.

 

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