पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही कांग्रेस ने महिलाओं को साधने के लिए नया अभियान शुरू किया है। “चर्चा- महिला की बात, कांग्रेस के साथ” नामक इस कार्यक्रम के तहत 20 अप्रैल से 31 मई तक राज्य के सभी 534 प्रखंडों में महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित किया जाएगा।
शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय, सदाकत आश्रम में अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने इस अभियान का औपचारिक शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम, शकील अहमद खां, मदनमोहन झा, प्रतिमा दास, शरबत जहां फातमा और राजेश राठौड़ सहित कई वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
कार्यकारिणी में 50% महिलाओं की भागीदारी:
अलका लांबा ने बताया कि जिला अध्यक्षों की तरह जल्द ही प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, जिसमें 50% पद महिलाओं के लिए आरक्षित होंगे। विधानसभा चुनाव में महिलाओं को टिकट देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी का प्रयास रहेगा कि कम से कम 30% टिकट महिला उम्मीदवारों को दिए जाएं।
प्रशिक्षित कार्यकर्ता करेंगी संवाद:
सदाकत आश्रम में दो दिवसीय महिला प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी 100 महिला कार्यकर्ता 20 अप्रैल से प्रखंड स्तर पर जाकर आंगनबाड़ी सेविकाओं, आशा कार्यकर्ताओं, जीविका दीदियों, मनरेगा मजदूरों सहित विभिन्न महिला समूहों से बातचीत करेंगी।
महिलाओं की मांगों को घोषणापत्र में शामिल करेगी कांग्रेस:
इस अभियान के माध्यम से महिलाओं के मानदेय, पेंशन, यूनिफॉर्म जैसी मांगों को उठाया जाएगा और इन मुद्दों को विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के घोषणापत्र में शामिल किया जाएगा। इसके आधार पर भाजपा और अन्य NDA नेताओं को घेरा जाएगा।
नीतीश के महिला संवाद पर कांग्रेस का तंज:
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित महिला संवाद पर अलका लांबा ने कहा कि यह संवाद नहीं, विवाद साबित होगा। उन्होंने नीतीश कुमार को कमज़ोर मुख्यमंत्री बताते हुए कहा कि उनकी विदाई तय है।
कांग्रेस द्वारा महिला मुख्यमंत्री के चेहरे को आगे करने के सवाल पर प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने कहा कि इस विषय पर विचार के लिए एक समन्वय समिति का गठन किया गया है।
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