ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), ऋषिकेश का 5वां दीक्षांत समारोह धूमधाम से संपन्न हुआ. इस समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 434 छात्रों को डिग्रियां प्रदान कीं. इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत, कई सांसद और विधानसभा अध्यक्ष भी उपस्थित थे.
मानवता के उत्थान में चिकित्सकों की भूमिका:
श्री नड्डा ने दीक्षांत समारोह को छात्रों की उपलब्धियों का सम्मान करने वाला एक विशेष अवसर बताया. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता हर गरीब को सस्ती और अच्छी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है. उन्होंने कहा कि सरकार न सिर्फ़ उपचारात्मक, बल्कि निवारक, उपशामक और पुनर्वास सेवाओं पर भी ध्यान दे रही है.
स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां:
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देश भर में 1.75 लाख आयुष्मान आरोग्य केंद्र संचालित हो रहे हैं.
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पिछले 10 सालों में मेडिकल कॉलेजों की संख्या में 101% की वृद्धि हुई है. देश में अब कुल 780 मेडिकल कॉलेज हैं.
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एमबीबीएस सीटों में 130% और पीजी सीटों में 138% की वृद्धि हुई है.
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मेडिकल कॉलेजों के साथ 157 नए नर्सिंग कॉलेज भी स्थापित किए जा रहे हैं.
एम्स ऋषिकेश की उपलब्धियां:
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हेलीकॉप्टर और ड्रोन सेवाओं के ज़रिए 309 गंभीर मरीजों की जान बचाई गई.
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टेलीमेडिसिन के माध्यम से दूर-दराज के इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा रही हैं.
मुख्यमंत्री धामी का संबोधन:
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि एम्स ऋषिकेश राज्य के लोगों को गुणवत्तापूर्ण और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं दे रहा है. उन्होंने रोबोटिक सर्जरी, न्यूरो सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी जैसी उन्नत चिकित्सा सुविधाओं का भी ज़िक्र किया. उन्होंने बताया कि उत्तराखंड में 5000 से ज़्यादा ग्राम पंचायतें टीबी मुक्त हो चुकी हैं और सरकार हर ज़िले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए प्रयासरत है.
नई स्वास्थ्य सुविधाओं का उद्घाटन:
इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एम्स ऋषिकेश में कई नई सुविधाओं का उद्घाटन किया, जिनमें एकीकृत चिकित्सा विभाग, पीईटी स्कैन मशीन, पीएसीएस सुविधा और उन्नत बाल चिकित्सा केंद्र शामिल हैं।
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