नई दिल्ली: बांग्लादेश में छात्र आंदोलन में कथित भूमिका के लिए सेना के पांच वरिष्ठ अधिकारियों को नज़रबंद कर दिया गया है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमान रूस के दौरे पर हैं।
नज़रबंद अधिकारियों के नाम:
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ब्रिगेडियर जनरल इमरान हामिद (पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के ADC)
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कर्नल अब्दुल्ला अल-मोमेन (RAB)
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ब्रिगेडियर जकारिया हुसैन
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लेफ्टिनेंट कर्नल मोहम्मद रिदवानुल इस्लाम (BGB)
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मेजर मोहम्मद नोमान अल फारुक (ईस्ट बंगाल रेजिमेंट)
ढाका कैंटोनमेंट में नज़रबंदी:
इन अधिकारियों को ढाका कैंटोनमेंट में नज़रबंद किया गया है। इन पर छात्र आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश देने का आरोप है। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में इनके ख़िलाफ़ आरोप लगाए गए हैं।
‘ओपन अरेस्ट’ में रखा गया:
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन अधिकारियों को ‘ओपन अरेस्ट’ में रखा गया है, जिसका मतलब है कि वे 24 घंटे निगरानी में रहेंगे लेकिन अपने सेना द्वारा आवंटित आवासों में ही रहेंगे। उन्हें अपने नियमित कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है।
शेख हसीना के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट:
इस बीच, बांग्लादेश की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, उनकी बेटी साइमा वाजेद पुतुल और 17 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी किया है। उन पर धोखाधड़ी से आवासीय ज़मीन हासिल करने का आरोप है।
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