नई दिल्ली, 7 अप्रैल: भारतीय शेयर बाजार में आज भारी गिरावट देखने को मिली है। प्रमुख सूचकांक बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी में क्रमशः 2900 और 920 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 72,389 और निफ्टी 21,977 पर कारोबार कर रहा था। प्री-ओपन सत्र में तो स्थिति और भी खराब थी, जहाँ सेंसेक्स 4000 अंक तक लुढ़क गया था और निफ्टी में 1100 अंकों की गिरावट देखी गई थी। इस गिरावट का प्रमुख कारण अमेरिकी टैरिफ नीति को माना जा रहा है, जिसका असर वैश्विक बाजारों पर पड़ रहा है। हालाँकि, कुछ अन्य कारक भी हैं जिन्होंने बाजार की इस गिरावट में योगदान दिया है।
शेयर बाजार में बिकवाली के प्रमुख कारण:
1. वैश्विक बाजारों का असर: अमेरिकी टैरिफ नीति ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। निवेशक सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं। एशियाई बाजारों में भी आज सुबह भारी बिकवाली देखी गई। अमेरिकी बाजार भी इस गिरावट से अछूते नहीं रहे हैं। गिफ्ट निफ्टी में भी 900 अंकों की गिरावट दर्ज की गई। विदेशी बाजारों में आई इस गिरावट का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ को “कड़वी दवा” बताया है। अमेरिका ने भारत सहित कई देशों के निर्यात पर टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
2. टैरिफ का असर अभी और दिखेगा: विशेषज्ञों का मानना है कि शेयर बाजार पर टैरिफ का पूरा असर अभी दिखना बाकी है। ट्रंप ने भारत समेत 180 से अधिक देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की है। आशंका जताई जा रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पर इसका अप्रत्यक्ष रूप से नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भी मंदी आ सकती है।
3. चौथी तिमाही के नतीजों का डर: वैश्विक अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता के बीच, इस हफ्ते कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे जारी होने वाले हैं। इन नतीजों से पहले ही निवेशक घबराए हुए हैं और बाजार में बिकवाली कर रहे हैं।
4. विदेशी निवेशकों की बिकवाली: रिपोर्ट्स के अनुसार, मार्च में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार में जमकर खरीदारी की थी, लेकिन अप्रैल में उन्होंने फिर से बिकवाली शुरू कर दी है। घरेलू और विदेशी निवेशक अब सुरक्षित निवेश विकल्पों की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे सोने की कीमतों में तेजी देखी जा रही है।
5. RBI की बैठक से मिलेगी राहत?: 7 से 9 अप्रैल के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक होने वाली है। उम्मीद की जा रही है कि RBI रेपो रेट में कटौती कर सकता है, जिससे घरेलू निवेशकों को राहत मिल सकती है। हालांकि, इस पर अंतिम फैसला RBI की बैठक के बाद ही होगा। रेपो रेट में कटौती से बैंकों को कर्ज सस्ता पड़ेगा और आम लोगों को भी कम ब्याज दरों पर लोन मिल सकेगा।
बाजार की आगे की दिशा:
शेयर बाजार की आगे की दिशा कई कारकों पर निर्भर करेगी, जिनमें वैश्विक बाजारों का प्रदर्शन, अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध का भविष्य, कंपनियों के चौथी तिमाही के नतीजे और RBI की मौद्रिक नीति शामिल हैं। अगर वैश्विक बाजारों में स्थिरता आती है और RBI रेपो रेट में कटौती करता है, तो भारतीय बाजार में सुधार देखने को मिल सकता है। हालांकि, अगर टैरिफ युद्ध और तेज होता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत मिलते हैं, तो बाजार में और गिरावट आ सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की स्थिति पर नजर रखें और किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले विशेषज्ञों की सलाह लें। इस अनिश्चितता के दौर में, निवेशकों को धैर्य रखना और दीर्घकालिक निवेश रणनीति अपनाना महत्वपूर्ण है।
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