नवरात्रि के दौरान कुट्टू के आटे की मिलावट की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, उत्तराखंड सरकार ने राज्य भर में कुट्टू आटे की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष निगरानी अभियान शुरू किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रहा है।
नमूने फेल, केस दर्ज करने के आदेश:
3 अप्रैल को राज्य के विभिन्न जनपदों से कुट्टू आटे के 7 और व्रत में उपयोग होने वाले अन्य खाद्य पदार्थों के 5 नमूने एकत्र किए गए। जांच में कुट्टू आटे के 2 नमूने असुरक्षित पाए गए, जिसके बाद खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने मिलावटखोरों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
खुले कुट्टू आटे की बिक्री पर रोक:
विभाग ने खुले में कुट्टू आटे की बिक्री पर अंकुश लगाया है और पैकेट बंद आटे की गुणवत्ता की जाँच की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य मिलावटी और असुरक्षित कुट्टू आटे की बिक्री को रोकना और जनता को सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना है।
कुमाऊँ और गढ़वाल मंडल में अभियान:
कुमाऊँ मंडल में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीमों ने तीन दर्जन से अधिक नमूने एकत्र किए हैं, जिन्हें जांच के लिए रुद्रपुर लैब भेजा गया है। ऊधमसिंह नगर से लिए गए एक नमूने में कीड़े पाए गए। गढ़वाल मंडल में भी देहरादून समेत सभी जिलों में छापेमारी अभियान जारी है। देहरादून में कई प्रतिष्ठानों का निरीक्षण किया गया, लेकिन खुला या पैक्ड कुट्टू का आटा बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं पाया गया.
आयुक्त की प्रतिबद्धता:
खाद्य सुरक्षा आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि आम जनता को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण खाद्य पदार्थ उपलब्ध कराना विभाग की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और यह अभियान नवरात्रि के दौरान जारी रहेगा।
जनता से अपील:
खाद्य सुरक्षा विभाग ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे खाद्य पदार्थों की खरीदारी करते समय सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध खाद्य सामग्री की जानकारी तुरंत विभाग को दें।
Pls read:Uttarakhand: आयुष्मान योजना से जुड़ी समस्याओं का समय पर हो निस्तारण: डा धन सिंह रावत