प्रसिद्ध अभिनेता और फिल्म निर्माता मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। मुंबई के धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। “भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूँ…” जैसे गीतों से देशभक्ति की भावना जगाने वाले मनोज कुमार को बॉलीवुड में ‘भारत कुमार’ के नाम से जाना जाता था।
देशभक्ति फिल्मों का दौर:
आजादी के बाद भारतीय सिनेमा में बदलाव का दौर आया। जहाँ एक ओर दारा सिंह जैसे कलाकार एक्शन फिल्मों में अपना परचम लहरा रहे थे, वहीं दिलीप कुमार, देव आनंद और राज कपूर जैसे सितारे रोमांटिक फिल्मों का रुख कर रहे थे। इसी दौर में मनोज कुमार ने बॉलीवुड में कदम रखा और शुरुआत में रोमांटिक फिल्मों में काम किया.
‘शहीद’ से मिली पहचान:
लेकिन मनोज कुमार का मन देशभक्ति फिल्मों की ओर आकर्षित हुआ और 1965 में उन्होंने फिल्म ‘शहीद’ में भगत सिंह का किरदार निभाया। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रही और मनोज कुमार ने देशभक्ति फिल्मों का निर्माण जारी रखने का फैसला किया. ‘उपकार’, ‘पूरब और पश्चिम’, और ‘क्रांति’ जैसी फिल्मों ने उन्हें ‘भारत कुमार’ का खिताब दिलाया.
‘उपकार’ से मिला ‘भारत कुमार’ का टैग:
हालांकि मनोज कुमार ने कई हिट फिल्में दीं, लेकिन 1967 में आई फिल्म ‘उपकार’ ने उनकी किस्मत बदल दी. इस फिल्म में भारतीय किसानों के संघर्ष को दर्शाया गया था और इसी फिल्म के बाद उन्हें ‘भारत कुमार’ के नाम से जाना जाने लगा. ‘उपकार’ के गाने और कहानी दर्शकों के दिलों में घर कर गए.
मनोज कुमार की विरासत:
मनोज कुमार ने अपने फिल्मी करियर में देशभक्ति और सामाजिक मुद्दों पर आधारित कई यादगार फिल्में दीं. उनकी फिल्में आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं. उनका निधन बॉलीवुड के लिए एक बड़ी क्षति है.
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