- संवैधानिक रोक के बावजूद ट्रंप के बयान से नई बहस शुरू
वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने बयान से अमेरिका में खलबली मचा दी है. एक इंटरव्यू में उन्होंने तीसरी बार राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की इच्छा जताई है. ट्रंप का कहना है कि संवैधानिक रोक के बावजूद भी वे तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ सकते हैं.
“मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ”: ट्रंप
एनबीसी न्यूज को दिए एक फोन इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि ऐसे तरीके हैं जिनसे वे ऐसा कर सकते हैं. उन्होंने कहा, “मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ. मगर अभी इस बारे में सोचना जल्दबाजी होगी.”
संविधान में है दो कार्यकाल की सीमा
1951 में अमेरिका में 22वें संविधान संशोधन के तहत किसी भी व्यक्ति को दो बार से अधिक राष्ट्रपति बनने से रोक दिया गया था. यह संशोधन फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट के लगातार चार बार राष्ट्रपति बनने के बाद किया गया था. अब ट्रंप इसी कानून को चुनौती देने के संकेत दे रहे हैं.
ट्रंप के बयान की आलोचना
ट्रंप के इस बयान की अमेरिका में काफी आलोचना हो रही है. प्रतिनिधि डेनियल गोल्डमैन ने इसे सरकार पर कब्जा करने और लोकतंत्र को खत्म करने का प्रयास बताया है. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों से ट्रंप की इस महत्वाकांक्षा का विरोध करने की अपील की है.
कैसे शुरू हुई तीसरे कार्यकाल की बात?
ट्रंप के पूर्व रणनीतिकार स्टीव बैनन ने हाल ही में एक सम्मेलन में कहा था कि वे 2028 में ट्रंप को फिर से देखना चाहते हैं. हालांकि, कानून विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने का कोई संवैधानिक आधार नहीं है. नॉर्थईस्टर्न विश्वविद्यालय में संवैधानिक कानून के प्रोफेसर जेरेमी पॉल का कहना है कि ट्रंप के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने के पक्ष में कोई विश्वसनीय कानूनी तर्क नहीं है.
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