नई दिल्ली। दक्षिण कोरिया के दक्षिणी क्षेत्र में भड़की विनाशकारी आग ने अब तक 26 लोगों की जान ले ली है और 300 से ज़्यादा इमारतों को राख में बदल दिया है। तेज़ हवाओं के कारण आग तेज़ी से फैल रही है, जिससे 24,000 से अधिक लोगों को अपने घर खाली करने पर मजबूर होना पड़ा है।
मरने वालों में एक पायलट भी शामिल है, जिसका हेलीकॉप्टर आग बुझाने के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। चार अग्निशमन कर्मी और कई अन्य कर्मी भी आग की चपेट में आने से अपनी जान गंवा बैठे।
आग पर काबू पाने के लिए हज़ारों कर्मियों और 120 से अधिक हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया है। कोरिया वन सेवा के प्रमुख लिम सांग सियोप ने बताया कि गुरुवार को थोड़ी बारिश हुई, लेकिन यह आग बुझाने के लिए पर्याप्त नहीं थी।
आग ने अब तक 35,810 हेक्टेयर (88,488 एकड़) से ज़्यादा क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है, जो इसे देश के इतिहास की सबसे बड़ी आग बनाता है। इसमें 30 से ज़्यादा लोग घायल भी हुए हैं।
कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने कहा कि ऐसा नुकसान उन्होंने पहले कभी नहीं देखा और सरकार आग बुझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। कोरिया वन सेवा ने आग की चेतावनी का स्तर बढ़ा दिया है और स्थानीय सरकारों को आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए और अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति करने, जंगलों और पार्कों में प्रवेश प्रतिबंधों को सख्त करने और सेना को लाइव-फायर अभ्यास रोकने का निर्देश दिया है।
एंडोंग के दो गाँव खाली
बुधवार रात तेज हवाओं के कारण आग भड़कने के बाद अधिकारियों ने दक्षिण पूर्वी शहर एंडोंग के दो गांवों को खाली करा लिया। पर्वतारोहियों को जिरी पर्वत से नीचे उतरने की सलाह दी गई। आग में कई घर, कारखाने, वाहन और कुछ ऐतिहासिक इमारतें भी नष्ट हो गई हैं, जिनमें उइसोंग का गौंसा मंदिर परिसर भी शामिल है, जहाँ लगभग 20 इमारतें जलकर खाक हो गईं।
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