वाशिंगटन: यमन के हूती विद्रोहियों के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की सैन्य कार्रवाई का गोपनीय प्लान लीक हो गया है। यह प्लान गलती से एक सिग्नल ग्रुप चैट में शेयर कर दिया गया था, जिसमें ‘द अटलांटिक’ पत्रिका के प्रधान संपादक जेफरी गोल्डबर्ग भी शामिल थे।
गोपनीय चर्चा में शामिल थे शीर्ष अधिकारी:
इस ग्रुप चैट में रक्षा सचिव पीट हेगसेथ, उपराष्ट्रपति माइक पेंस, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन (रिपोर्ट में माइक वाल्ट्ज नाम गलत लगता है) और विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन (मार्को रुबियो नाम भी गलत लगता है, क्योंकि वे उस समय विदेश मंत्री नहीं थे) जैसे शीर्ष अधिकारी शामिल थे। इस ग्रुप में यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की योजना पर चर्चा की गई थी।
व्हाइट हाउस ने की पुष्टि:
व्हाइट हाउस ने इस ग्रुप चैट की सत्यता की पुष्टि की है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता ने कहा कि यह जांच की जा रही है कि गोल्डबर्ग को ग्रुप में कैसे जोड़ा गया।
रक्षा मंत्री ने गोल्डबर्ग पर लगाया आरोप:
रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने गोल्डबर्ग पर “धोखेबाज” और “बदनाम पत्रकार” होने का आरोप लगाया और कहा कि कोई भी युद्ध योजना साझा नहीं की गई थी।
ट्रंप ने उड़ाया मजाक:
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना का मजाक उड़ाया और गोल्डबर्ग पर तंज कसा।
गलती से जुड़ गए थे गोल्डबर्ग:
गोल्डबर्ग ने बताया कि उन्हें “वाल्ट्ज” नाम के एक व्यक्ति ने ग्रुप में शामिल होने का अनुरोध भेजा था। शुरुआत में उन्हें लगा कि यह कोई और है, लेकिन बाद में जब ग्रुप में हमले की सफलता पर बधाई संदेश आने लगे, तो उन्हें एहसास हुआ कि यह ट्रंप प्रशासन का ग्रुप है।
सुरक्षा उल्लंघन:
गोल्डबर्ग ने कहा कि यह एक गंभीर सुरक्षा उल्लंघन है कि एक पत्रकार को संवेदनशील सैन्य जानकारी तक पहुंच मिल गई।
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