चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश अध्यक्ष और नशा विरोधी निगरानी कमेटी के सदस्य अमन अरोड़ा ने सभी पार्षदों, सरपंचों और पंचों को चेतावनी दी है कि वे पुलिस से किसी भी नशा तस्कर को छोड़ने की सिफ़ारिश न करें, अन्यथा सरकार उनके ख़िलाफ़ भी सख़्त कार्रवाई करेगी।
जनप्रतिनिधियों से सहयोग की अपील:
अरोड़ा ने जनप्रतिनिधियों से अपील की कि वे नशा तस्करों के ख़िलाफ़ मुहिम में सक्रिय भूमिका निभाएँ और दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करें। उन्होंने कहा कि चाहे कोई राजनेता हो, पुलिस अधिकारी हो या कोई और, नशे से फ़ायदा उठाकर पंजाब के युवाओं को नुकसान पहुँचाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ जन आंदोलन बना:
अरोड़ा ने कहा कि ‘युद्ध नशे के विरुद्ध’ अभियान अब एक जन आंदोलन बन गया है और जनता के सहयोग से बड़ी संख्या में नशा तस्करों को गिरफ़्तार किया गया है और भारी मात्रा में नशीले पदार्थ ज़ब्त किए गए हैं।
सरकार की द्वि-आयामी रणनीति:
उन्होंने बताया कि पंजाब सरकार नशे के ख़ात्मे के लिए दोतरफ़ा रणनीति अपना रही है:
-
नशे की आपूर्ति शृंखला तोड़ना और हवाला के ज़रिए विदेश भेजे जा रहे पैसे को रोकना।
-
नशा पीड़ितों का पुनर्वास।
पिछली सरकारों पर निशाना:
अरोड़ा ने शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इन पार्टियों के शासनकाल में राजनेताओं और नशा तस्करों का गठजोड़ था, जिससे पंजाब के युवाओं को बहुत नुकसान हुआ। उन्होंने कहा कि आप सरकार इस गठजोड़ को ख़त्म करने में जुटी है।
एंटी-ड्रोन तकनीक:
अरोड़ा ने घोषणा की कि पंजाब सरकार जल्द ही एंटी-ड्रोन तकनीक लाएगी, जिससे सीमा पार से होने वाली नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी रोकी जा सकेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब इस तकनीक को अपनाने वाला देश का पहला राज्य होगा। यह तकनीक 10 किलोमीटर तक के ड्रोन का पता लगाकर उन्हें निष्क्रिय कर देगी।
नशा विरोधी अभियान के आँकड़े:
-
18वें दिन 95 नशा तस्कर गिरफ़्तार, 11 किलो हेरोइन, 7.5 किलो अफ़ीम और 31 हज़ार रुपये बरामद।
-
18 दिनों में कुल 2,231 नशा तस्कर गिरफ़्तार।
-
राज्य के सभी 28 पुलिस ज़िलों में अभियान चलाया गया।
-
मालेरकोटला में 40 पंचायतों ने नशे के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया।
-
97 राजपत्रित अधिकारियों की निगरानी में 1,600 से ज़्यादा पुलिसकर्मियों ने 539 जगहों पर छापेमारी की।