शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को चिट्टे (हेरोइन) के मुद्दे पर ज़बरदस्त हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच इस मसले पर तीखी बहस और आरोप-प्रत्यारोप हुए।
सरकार का दावा – नशे में आई 30% कमी:
विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि युवा नशे की गिरफ़्त में हैं, लेकिन सरकार बनने के बाद से नशा कारोबार में 30 प्रतिशत की कमी आई है। उन्होंने बताया कि नशा तस्कर हाईकोर्ट से ज़मानत ले रहे हैं, इसलिए सरकार एक सख़्त क़ानून ला रही है। पुलिस नशा तस्करों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई कर रही है और उनकी संपत्ति ज़ब्त की जा रही है। सुक्खू ने कहा कि पिछली सरकार ने सलाहकार बोर्ड नहीं बनाया, जबकि वर्तमान सरकार ने इसे बनाया है। नशा सप्लायरों को 6 से 9 महीने तक ज़मानत नहीं मिल पा रही है। एक नशा तस्कर का मकान भी गिराया गया है।
60 से ज़्यादा सरकारी कर्मचारी संलिप्त:
मुख्यमंत्री ने बताया कि 60 से ज़्यादा सरकारी कर्मचारी चिट्टे के कारोबार में संलिप्त पाए गए हैं और उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार STF बनाने की दिशा में काम कर रही है और सोलन के कोटला बहेड़ में 150 बीघा में नशा निवारण केंद्र बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी जेलें चिट्टे के आरोपियों से भरी हैं। मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि अगर कोई भी राजनीतिक व्यक्ति चिट्टे के पक्ष में सिफ़ारिश करता पाया गया तो उसके ख़िलाफ़ भी कार्रवाई होगी।
पंचायतों और स्कूल-कॉलेजों में मैपिंग:
मुख्यमंत्री ने बताया कि 15 मार्च तक पंचायतों में चिट्टा लेने वालों की मैपिंग कराने को कहा गया था और इसकी रिपोर्ट आ गई है। इसी तरह स्कूल-कॉलेजों में भी मैपिंग कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि 6 महीने के भीतर सरकार संलिप्त लोगों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करेगी।
विपक्ष ने सरकार पर साधा निशाना:
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सरकार के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नशे में 30% कमी का आँकड़ा कैसे निकाला गया? उन्होंने कहा कि दूर-दराज़ के इलाकों में भी नशा पहुँच गया है। उन्होंने कहा कि सरकार श्रेय ले रही है, लेकिन हालात ख़राब हैं। उन्होंने बताया कि नशे से 10 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है, जो पहले कभी नहीं हुआ। उन्होंने पड़ोसी राज्यों के साथ सूचना साझा करने की भी मांग की।
मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर किया पलटवार:
मुख्यमंत्री ने जयराम ठाकुर पर सनसनी फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार ने NDPS एक्ट के तहत कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने PITNDPS एक्ट के तहत कार्रवाई की है और जनता में जागरूकता लाई है। उन्होंने कहा कि चिट्टे के ख़िलाफ़ सरकार की कार्रवाई की जनता प्रशंसा कर रही है।
अन्य विधायकों ने भी उठाए सवाल:
इंदौरा के विधायक मलेंद्र राजन ने चिट्टे के मामलों में शामिल पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की। विधायक विनोद कुमार ने नशे से हुई मौतों का आँकड़ा पेश किया और स्कूलों में नशे के ख़िलाफ़ पाठ्यक्रम शुरू करने की मांग की।
Pls read:Himachal: बसों में भिंडरावाले के पोस्टर पर सीएम सुक्खू ने लिया संज्ञान, पंजाब के सीएम से की बात