
चंडीगढ़: श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह और श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार ज्ञानी सुल्तान सिंह को शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) द्वारा हटाए जाने पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
मुख्यमंत्री मान ने कहा, “‘न घसुन (मुक्का) मारदा, न लत (लात) मारदा, रब जदों मारदा तां मत (अक्ल) मारदा’.” उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब SGPC का नहीं, बल्कि छठे गुरु का तख्त है और यह कोई “छोटा-मोटा तख्त नहीं” जिसके जत्थेदारों को वे अपनी जेब में लेकर घूमते फिरें.
सुखबीर बादल पर निशाना
सुखबीर बादल का नाम लिए बिना भगवंत मान ने कहा कि राजनीति को धर्म से शिक्षा लेनी चाहिए, लेकिन अब “राजनीति धर्म को शिक्षा देने लगी है.”
SGPC चुनावों पर सवाल
मुख्यमंत्री मान ने SGPC के लंबे समय से चुनाव न होने का मुद्दा उठाया और कहा कि जिस अंतरिम कमेटी ने जत्थेदारों को हटाने का फैसला लिया है, “वे खुद तो वैध हो जाएँ.” उन्होंने केंद्र सरकार से SGPC के चुनाव जल्द कराने की अपील की.
“यह छठे पातशाह की गद्दी है”
भगवंत मान ने कहा कि जत्थेदारों ने जब तख्त साहिब पर जाकर अपने गुनाह कबूल किए हैं और सजा पूरी की है, तो उन्हें इस तरह हटाना बदलाखोरी लगती है. उन्होंने SGPC को याद दिलाया कि “यह छठे पातशाह की गद्दी है.”
मुख्यमंत्री के इस बयान से SGPC और शिरोमणि अकाली दल के साथ उनके टकराव के और गहरा होने के आसार हैं.