मॉस्को। यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका की बदलती नीतियों ने यूरोप में चिंता बढ़ा दी है। यूक्रेन और अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित यूरोपीय देशों के बीच फ्रांस ने नेतृत्व की भूमिका निभाने का संकेत दिया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रूस को यूरोप के लिए खतरा बताते हुए कहा है कि फ्रांस अपनी परमाणु सुरक्षा का विस्तार अपने सहयोगियों तक कर सकता है। इस बयान पर रूस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और फ्रांस को परमाणु धमकी देने के खिलाफ चेतावनी दी है।
मैक्रों के बयान के अलावा, रूस ने नाटो की शांति सेना को यूक्रेन भेजने के यूरोपीय प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है। वहीं, तुर्की ने संकेत दिया है कि ज़रूरत पड़ने पर वह यूक्रेन में शांति सैनिक भेज सकता है।
अमेरिका द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता पर रोक लगाए जाने के बाद यूरोपीय संघ (ईयू) के नेताओं ने यूक्रेन के साथ खड़े रहने और रक्षा खर्च बढ़ाने की बात कही है। गौरतलब है कि फरवरी 2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से अमेरिका लगातार यूक्रेन को सैन्य सहायता प्रदान कर रहा था, लेकिन हाल ही में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद अमेरिका की नीति में बदलाव आया है। ट्रंप ने रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के प्रयासों के तहत कीव पर दबाव बनाने के लिए यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता और खुफिया जानकारी साझा करने पर रोक लगा दी है।
इन घटनाक्रमों के बीच, मैक्रों ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि फ्रांस सहयोगी देशों के साथ अपनी परमाणु सुरक्षा साझा करने पर विचार कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वह शांति समझौते के बाद यूक्रेन में शांति सैनिकों की तैनाती पर ईयू देशों के सैन्य प्रमुखों के साथ बातचीत करेंगे। मैक्रों के इस बयान पर रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने कहा कि यह टकराव बढ़ाने वाला है और इससे पता चलता है कि फ्रांस यूक्रेन युद्ध को जारी रखना चाहता है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने इसे रूस के खिलाफ धमकी बताया है। वहीं, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा कि रूस को इससे कोई उत्साह नहीं है.
ब्रसेल्स में ईयू की आपात बैठक में पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने कहा कि यूरोप को इन चुनौतियों का सामना करना होगा और उन पर विजय प्राप्त करनी होगी। उन्होंने कहा कि यूरोप रूस के साथ किसी भी सैन्य और आर्थिक टकराव को जीतने में सक्षम है. डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन ने रक्षा और सुरक्षा पर खर्च बढ़ाने पर जोर दिया. खबरों के अनुसार, मैक्रों यूरोप को रूसी खतरों से बचाने के लिए फ्रांस की परमाणु सुरक्षा के इस्तेमाल पर ईयू नेताओं के साथ चर्चा करेंगे.
फेडरेशन ऑफ अमेरिकन साइंटिस्ट के अनुसार, रूस और अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं (प्रत्येक के पास 5000 से अधिक)। चीन के पास लगभग 500 परमाणु हथियार हैं, जबकि यूरोप में फ्रांस के पास 290 और ब्रिटेन के पास 225 परमाणु हथियार हैं.
इस बीच, मध्य यूक्रेन में रूसी मिसाइल हमले में चार लोगों की मौत हो गई और 32 घायल हो गए. यह हमला यूक्रेनी राष्ट्रपति के गृहनगर क्रीवी रिह के एक होटल पर किया गया, जहाँ एक मानवीय संगठन के कार्यकर्ता ठहरे हुए थे। अमेरिका द्वारा यूक्रेन के साथ खुफिया जानकारी साझा करने पर रोक लगाने के बाद अब फ्रांस यूक्रेन को खुफिया जानकारी प्रदान कर रहा है। फ्रांस के रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकार्नू ने कहा कि फ्रांस की अपनी संप्रभु खुफिया जानकारी है जिसका लाभ यूक्रेन को दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मैक्रों ने उन्हें अमेरिकी सहायता में कमी की भरपाई करने के लिए तेजी लाने का निर्देश दिया है। यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने कहा कि अमेरिकी खुफिया जानकारी पर रोक के बाद वे वैकल्पिक उपायों पर काम कर रहे हैं.
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