
नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा मेक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ लगाने के फैसले से वैश्विक चिंता बढ़ गई है। ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% और चीन से आयात पर 10% टैरिफ लगाया है। इस फैसले से तीनों देशों में नाराजगी है और दुनिया भर में इसके प्रभाव को लेकर आशंका जताई जा रही है।
भारत पर पड़ने वाले संभावित प्रभावों के बारे में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इसका भारत पर अप्रत्यक्ष प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन अभी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति और अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए सरकार सतर्क है, लेकिन फिलहाल चिंतित नहीं है। सीतारमण ने भारत को एक विनिर्माण केंद्र बनाने और सेवा क्षेत्र, सॉफ्टवेयर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और STEM आधारित शोधों में भारत की बढ़ती ताकत पर जोर दिया।

संतुलित टैरिफ नीति जरूरी:
वित्त मंत्री ने संतुलित टैरिफ नीति की वकालत की, जिसमें घरेलू उद्योगों की रक्षा के साथ-साथ आवश्यक आयातों पर अनावश्यक टैरिफ न लगाए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन वस्तुओं का उत्पादन भारत में नहीं होता, उन पर ज्यादा टैरिफ लगाने से कोई फायदा नहीं है।
ट्रंप का उद्देश्य:
ट्रंप प्रशासन का दावा है कि यह फैसला अमेरिकी विनिर्माण को बढ़ावा देने, अवैध आप्रवासन और नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए लिया गया है। हालांकि, इससे अमेरिकी उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ बढ़ सकता है। ट्रंप का लक्ष्य घरेलू उद्योगों को आयात प्रतिस्पर्धा से बचाना है, लेकिन इससे अमेरिका में पहले से ही बढ़ रही महंगाई और बढ़ सकती है।
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