
चंडीगढ़: दो साल बाद गणतंत्र दिवस परेड में एक बार फिर पंजाब की झांकी देखने को मिलेगी। इस बार की झांकी सूफ़ी संत बाबा शेख फरीद और पंजाबी संस्कृति को समर्पित है, जिसमें प्राचीन पंजाब के विभिन्न रंगों को दर्शाया जाएगा।
झांकी में पारंपरिक लोक वाद्य यंत्र ढोल, तुंबी के अलावा बैलों द्वारा खेती करने का दृश्य भी दिखाया जाएगा। लोक संपर्क विभाग के अनुसार, देश को खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में पंजाब के योगदान को दर्शाने के लिए यह दृश्य शामिल किया गया है।
बाबा शेख फरीद पर विशेष ज़ोर:

झांकी में बाबा शेख फरीद को विशेष रूप से दिखाया गया है, जिन्हें पंजाबी का पहला कवि माना जाता है। झांकी में पंजाब के संगीत और संस्कृति को भी प्रस्तुत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने दिए सुझाव:
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने झांकी की तैयारियों में रूचि दिखाई है और पंजाब की संस्कृति और कृषि को दर्शाने के लिए कई सुझाव दिए हैं। झांकी के प्रदर्शन के दौरान बाबा फरीद की रचनाओं का पाठ भी किया जाएगा।