
चंडीगढ़: कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ शुक्रवार को पंजाब के सिनेमाघरों में रिलीज़ नहीं हो सकी। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और अन्य सिख संगठनों ने फिल्म का विरोध किया, जिसके कारण सिनेमाघर मालिकों ने फिल्म दिखाने से इनकार कर दिया। हालांकि, चंडीगढ़ में फिल्म के शो हुए, जिनमें लगभग 50% दर्शक मौजूद थे।
पंजाब भर में SGPC सदस्यों और सिख संगठनों ने सिनेमाघरों के बाहर प्रदर्शन किया। अमृतसर में तो खालिस्तान समर्थक नारे भी लगाए गए। सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस की भारी तैनाती की गई थी।
SGPC का आरोप:
SGPC सचिव प्रताप सिंह ने कंगना रनौत पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाया और कहा कि फिल्म में जानबूझकर जरनैल सिंह भिंडरांवाला के किरदार को गलत तरीके से दिखाया गया है। उनका कहना है कि फिल्म 1984 में श्री अकाल तख्त साहिब और श्री हरिमंदिर साहिब पर हुए हमले को सही ठहराने की कोशिश करती है। SGPC ने पहले ही मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।

सरकार का रुख:
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फिल्मों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार सेंसर बोर्ड के पास है और सरकार की ऐसी कोई नीति नहीं है। केवल कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में ही फिल्म पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
कंगना रनौत की प्रतिक्रिया:
कंगना रनौत ने सोशल मीडिया पर कहा कि पंजाब में उनकी फिल्म को रिलीज़ न होने देना कला और कलाकारों का उत्पीड़न है। उन्होंने सभी धर्मों के प्रति सम्मान व्यक्त किया और कहा कि यह उनकी छवि खराब करने और फिल्म को नुकसान पहुंचाने की साजिश है.
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