
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने राज्य के साइबर सुरक्षा ढाँचे को मज़बूत करने के लिए एक अहम कदम उठाया है. सरकार 42.07 करोड़ रुपये की लागत से एक सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (SOC) स्थापित करेगी. यह सेंटर सरकारी ऐप्स और वेबसाइट्स समेत पूरे IT इंफ्रास्ट्रक्चर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.
यह फैसला प्रशासनिक सुधार और जन शिकायत मंत्री अमन अरोड़ा की अध्यक्षता में हुई पंजाब राज्य ई-गवर्नेंस सोसायटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठक में लिया गया.
मंत्री अमन अरोड़ा ने बताया कि SOC के शुरू होने के बाद पंजाब उत्तरी भारत का पहला राज्य होगा जिसके पास उच्च स्तरीय साइबर सुरक्षा सुविधा होगी. उन्होंने कहा कि बढ़ते साइबर खतरों को देखते हुए SOC की स्थापना ज़रूरी हो गई है. यह सेंटर रीयल-टाइम में साइबर हमलों की निगरानी, पहचान और उनसे निपटने में मदद करेगा.
नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए डिप्टी कमिश्नरों के साथ बैठक:
बैठक के बाद मंत्री अमन अरोड़ा ने सभी डिप्टी कमिश्नरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के ज़रिए नागरिक सेवाओं को बेहतर बनाने पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि राज्य में 538 सेवा केंद्रों के माध्यम से 438 सेवाएँ दी जा रही हैं और लंबित शिकायतों को 27 प्रतिशत से घटाकर 0.17 प्रतिशत से भी कम कर दिया गया है.

उन्होंने कम लंबित मामलों वाले ज़िलों (अमृतसर, जालंधर, पठानकोट) के डिप्टी कमिश्नरों की सराहना की और बाकी डिप्टी कमिश्नरों को लंबित मामलों की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए.
बिना वजह आवेदन लौटाने वालों पर होगी कार्रवाई:
मंत्री ने डिप्टी कमिश्नरों से कहा कि वे बिना ठोस कारण के आवेदन वापस भेजने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.
ऑनलाइन सत्यापन पर ज़ोर:
सरपंचों, नंबरदारों और नगर पार्षदों द्वारा ऑनलाइन सत्यापन की समीक्षा करते हुए, श्री अरोड़ा ने निर्देश दिया कि सभी को इस महीने के अंत तक ई-सेवा पोर्टल पर शामिल किया जाए ताकि लोगों को दस्तावेज़ सत्यापन के लिए बार-बार चक्कर न काटने पड़ें. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि 1 फरवरी 2025 से ऑफलाइन सत्यापन बंद कर दिया जाएगा और केवल ऑनलाइन सत्यापन ही मान्य होगा.
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