शिमला: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 15 जनवरी से कांगड़ा ज़िले के 11 दिवसीय शीतकालीन प्रवास पर जाएँगे. विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान ही इस प्रवास की रूपरेखा तैयार कर ली गई थी. यह प्रवास राजनीतिक दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
कांगड़ा को मिल सकती हैं सौग़ातें:
हाल ही में कांगड़ा को पर्यटन राजधानी का दर्जा दिया गया है और मुख्यमंत्री ने पर्यटन विकास निगम का कार्यालय धर्मशाला स्थानांतरित करने की घोषणा की है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि इस प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री कांगड़ा ज़िले के लिए कई सौग़ातों का ऐलान कर सकते हैं.
सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा:
मुख्यमंत्री अपने प्रवास के दौरान कांगड़ा ज़िले के सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा करेंगे और कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. वे जनता की समस्याएं भी सुनेंगे और उनका समाधान करेंगे. कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार, फ़ोरलेन निर्माण और पौंग बांध विस्थापितों से जुड़ी समस्याओं पर भी चर्चा होगी.
मिनी सचिवालय में करेंगे कामकाज:
मुख्यमंत्री धर्मशाला स्थित मिनी सचिवालय से कामकाज करेंगे. इस बार पूर्ण राज्यत्व दिवस का राज्य स्तरीय कार्यक्रम भी कांगड़ा ज़िले के बैजनाथ में होगा, जिसमें मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होंगे.
“सरकार गाँव के द्वार” कार्यक्रम:
सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री “सरकार गाँव के द्वार” कार्यक्रम के तहत किसी गाँव का भी दौरा कर सकते हैं. 25 जनवरी की शाम को वे शिमला लौट सकते हैं, क्योंकि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह में उन्हें शामिल होना है.
पर्यटन राजधानी के रूप में विकास:
सरकार कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है.
1994 में शुरू हुई थी परंपरा:
1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने शीतकालीन प्रवास की परंपरा शुरू की थी. इसका उद्देश्य दूर-दराज़ के लोगों की समस्याएं सुनना और उनका समाधान करना था.
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