Uttarakhand: हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के पीपीपी मोड के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन – The Hill News

Uttarakhand: हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के पीपीपी मोड के विरोध में छात्रों का प्रदर्शन

खबरें सुने

हरिद्वार: राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार को पीपीपी मोड पर देने के फैसले के विरोध में छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया है। नाराज छात्र-छात्राओं ने कॉलेज के गेट पर पोस्टर चिपकाकर अपना विरोध दर्ज कराया। 2024-25 बैच के एमबीबीएस छात्रों ने प्रधानाचार्य को पत्र लिखकर अपनी नाराजगी व्यक्त की है।

छात्रों का कहना है कि उन्होंने सरकारी सीट प्राप्त की थी, लेकिन अब कॉलेज को निजी विश्वविद्यालय को सौंपा जा रहा है, जिससे वे असंतुष्ट हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी। मेहनत के बाद सरकारी सीट पाने के बावजूद उन्हें निजी कॉलेज के नियमों के तहत पढ़ाई नहीं करनी है। छात्रों ने मांग की है कि कॉलेज को पीपीपी मोड पर न दिया जाए।

इस मुद्दे के सामने आने के बाद नव-स्थापित हरिद्वार मेडिकल कॉलेज राजनीतिक और प्रशासनिक विवादों में फंसता दिख रहा है।

छात्रों की प्रमुख मांगें:

  • काउंसलिंग से पहले कॉलेज को निजी विश्वविद्यालय को देने की जानकारी न देना।

  • सरकारी सीट मिलने के बावजूद निजी कॉलेज के नियमों के तहत पढ़ाई न करनी पड़े।

  • कॉलेज को पीपीपी मोड पर न दिया जाए।

इससे पहले, स्वास्थ्य सचिव ने चिकित्सा शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार की 100 एमबीबीएस सीटों के संचालन हेतु शारदा एजुकेशनल ट्रस्ट को पीपीपी मोड पर देने की बात कही थी। पत्र में “लेटर ऑफ इंटेंट” जारी करने और उत्तराखंड अधिप्राप्ति नियमावली एवं आरएफपी की शर्तों के अनुसार आगे की कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए थे।

 

हरिद्वार मेडिकल कॉलेज पीपीपी मोड पर, छात्रों पर नहीं पड़ेगा असर

देहरादून: हरिद्वार स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज के पीपीपी मोड पर संचालित होने से मेडिकल छात्रों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना ने स्पष्ट किया कि छात्रों की फीस में कोई वृद्धि नहीं होगी और उन्हें अन्य सभी सुविधाएं पहले की तरह मिलती रहेंगी।

डॉ. सयाना ने बताया कि इसी सत्र से मेडिकल कॉलेज में 100 एमबीबीएस सीटों पर पढ़ाई शुरू हो गई है। कॉलेज के बेहतर संचालन और मरीजों को उन्नत सुविधाएं प्रदान करने के लिए इसे पीपीपी मोड पर देने का निर्णय लिया गया है। हालांकि, पीपीपी मोड की शर्तों में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि छात्रों की फीस नहीं बढ़ाई जाएगी और उन्हें मिलने वाले सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों व डिग्रियों पर “राजकीय मेडिकल कॉलेज, हरिद्वार” ही अंकित रहेगा।

भर्ती मरीजों के लिए भी आयुष्मान कार्ड या सीजीएचएस की दरों पर ही उपचार जारी रहेगा। डॉ. सयाना ने ज़ोर देकर कहा कि पीपीपी मोड का उद्देश्य सिर्फ़ अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की सुविधाओं का आधुनिकीकरण करना है ताकि छात्रों और मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकें। इसलिए छात्रों और आम जनता को इस बारे में किसी भी तरह की भ्रांति की आवश्यकता नहीं है।

 

Pls read:Uttarakhand: प्रधानमंत्री मोदी करेंगे 38वें राष्ट्रीय खेलों का शुभारंभ, उत्तराखंड में खेलों का महाकुंभ

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *